राजस्थान का सबसे बड़ा जलाशय जवाई बांध कैसे बना सिंचाई, पेयजल और पर्यटन का प्रमुख केंद्र, वीडियो में जानिए रोचक तथ्य

राजस्थान के पाली जिले में स्थित जवाई बांध न केवल जल संसाधन की दृष्टि से एक महत्त्वपूर्ण संरचना है, बल्कि यह सांस्कृतिक, पारिस्थितिकीय और पर्यटन के लिहाज से भी एक अनमोल धरोहर मानी जाती है। जवाई नदी पर बना यह बांध, जिसे "राजस्थान की जीवनरेखा" भी कहा जाता है, वर्षों से हजारों लोगों की जल जरूरतों को पूरा कर रहा है। आइए जानते हैं जवाई बांध से जुड़े कुछ रोचक और अनसुने तथ्य, जो इसे अन्य जलाशयों से अलग बनाते हैं।
1. ब्रिटिश काल में हुई थी योजना की शुरुआत
जवाई बांध की आधारशिला वर्ष 1946 में तत्कालीन जोधपुर रियासत के महाराजा उम्मेद सिंह ने रखी थी। इसे स्वतंत्रता से पहले अंग्रेजों की देखरेख में डिजाइन किया गया था और इसका निर्माण कार्य 1957 में पूर्ण हुआ। यह उस दौर का एक शानदार इंजीनियरिंग नमूना माना जाता है।
2. राजस्थान का सबसे बड़ा बांध
पाली जिले के सेवरी और जेतारन तहसीलों के मध्य स्थित यह बांध, राजस्थान का सबसे बड़ा जलाशय है। इसकी जल संग्रहण क्षमता लगभग 7880 मिलियन क्यूबिक फीट है, जो इसे पूरे मारवाड़ क्षेत्र के लिए जीवनदायिनी बनाती है।
3. सिंचाई और पेयजल का मुख्य स्रोत
जवाई बांध पाली, जोधपुर और कुछ हिस्सों में जैसलमेर तक के क्षेत्रों में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराता है। इसके अलावा यह बांध पाली शहर, जेतारन, बाली, सोजत, फालना और आसपास के कई गांवों के लिए पेयजल आपूर्ति का मुख्य स्रोत भी है। गर्मी के दिनों में यह बांध लोगों की प्यास बुझाने वाला सबसे भरोसेमंद माध्यम बनता है।
4. तेंदुओं का स्थायी ठिकाना
जवाई बांध के आसपास की पहाड़ियों और जंगलों को "जवाई लेपर्ड हिल्स" के नाम से जाना जाता है। यह क्षेत्र तेंदुओं के प्राकृतिक आवास के रूप में प्रसिद्ध है। यहां पर्यटक खुले वाहन में सफारी का आनंद लेते हैं और तेंदुओं को प्राकृतिक वातावरण में देखने का दुर्लभ अनुभव प्राप्त करते हैं।
5. पक्षियों का स्वर्ग
जवाई बांध एक लोकप्रिय बर्ड वॉचिंग डेस्टिनेशन भी है। सर्दियों के मौसम में यहां हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं, जिनमें ग्रे लैग गूज़, फ्लेमिंगो, ओपन बिल स्टॉर्क और क्रेन जैसी प्रजातियाँ शामिल हैं। यह स्थान पक्षी प्रेमियों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है।
6. मगरमच्छों की सुरक्षित शरणस्थली
बांध की जलराशि में बड़ी संख्या में मगरमच्छ भी पाए जाते हैं। स्थानीय लोग और पर्यटक यहां मगरमच्छों को आराम करते, तैरते या शिकार करते देखने का रोमांचक अनुभव लेते हैं। यह क्षेत्र इनके लिए एक प्राकृतिक सुरक्षित ठिकाना बन चुका है।
7. पर्यटन का उभरता केंद्र
जवाई बांध और इसके आसपास का क्षेत्र अब पर्यटन के नक्शे पर तेजी से उभर रहा है। यहां कई लग्जरी टेंट्स और रिसॉर्ट्स खुल चुके हैं जो ‘लेपर्ड सफारी’ और ‘रूरल एक्सपीरियंस’ को प्रमोट कर रहे हैं। विदेशी पर्यटक भी अब इस जगह की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
8. ग्रामीण अर्थव्यवस्था में योगदान
जवाई बांध की वजह से स्थानीय किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर जल उपलब्ध हो पाता है, जिससे फसलों की उत्पादकता बढ़ती है। इसके अलावा, पर्यटन के विकास से क्षेत्रीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं।
जवाई बांध सिर्फ एक जलाशय नहीं, बल्कि एक बहु-आयामी धरोहर है जो राजस्थान के जीवन, पर्यावरण और संस्कृति से गहराई से जुड़ी हुई है। यह न केवल प्यास बुझाता है, बल्कि तेंदुओं, पक्षियों और ग्रामीणों की आशाओं को भी जीवित रखता है। यह बांध आज भी राजस्थान की जल नीति में एक प्रेरणास्रोत बना हुआ है, जिसे संभालना और संरक्षित करना हम सभी की जिम्मेदारी है।