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वायरल वीडियो में जानिए सरिस्का क्यों बन चुका है दिल्ली-एनसीआर के लोगों का पसंदीदा वीकेंड डेस्टिनेशन ? जानिए यहां क्या कुछ है खास 

वायरल वीडियो में जानिए सरिस्का क्यों बन चुका है दिल्ली-एनसीआर के लोगों का पसंदीदा वीकेंड डेस्टिनेशन ? जानिए यहां क्या कुछ है खास 

राजस्थान की अरावली की पहाड़ियों के बीच बसा सरिस्का टाइगर रिजर्व, आज दिल्ली और एनसीआर के लोगों के लिए सबसे पसंदीदा वीकेंड डेस्टिनेशन बन चुका है। दिल्ली से महज 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह वन्यजीव अभयारण्य न केवल प्रकृति प्रेमियों के लिए, बल्कि एडवेंचर के शौकीनों और फैमिली ट्रिप की प्लानिंग करने वालों के लिए भी एक आदर्श स्थान है। यहां की प्राकृतिक हरियाली, शांत वातावरण और जंगल के रोमांचक अनुभव मिलकर इसे एक परफेक्ट "रीचार्ज" स्पॉट बना देते हैं।


दिल्लीवालों की पहली पसंद क्यों बना सरिस्का?
दिल्ली-एनसीआर के लोग अक्सर शहरी जीवन की भागदौड़ और प्रदूषण से कुछ राहत पाने के लिए ऐसी जगहों की तलाश में रहते हैं, जो नज़दीक भी हों और प्राकृतिक भी। ऐसे में सरिस्का एक परफेक्ट ऑप्शन बनकर सामने आता है। यह जगह न केवल आसानी से रोड ट्रिप के ज़रिए पहुंची जा सकती है, बल्कि यहां जंगल सफारी से लेकर ऐतिहासिक स्थलों तक की भरपूर संभावनाएं मौजूद हैं। सुबह जल्दी दिल्ली से निकलकर आप दोपहर तक सरिस्का पहुंच सकते हैं, और उसी दिन जंगल सफारी का आनंद भी ले सकते हैं।

टाइगर रिजर्व के रोमांचक अनुभव
सरिस्का टाइगर रिजर्व 800 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और यह कई दुर्लभ वन्यजीवों का घर है। यहां बाघ, तेंदुआ, सियार, लकड़बग्घा, नीलगाय, सांभर, चौसिंगा और कई प्रकार की चिड़ियों को देखने का अवसर मिलता है। यहां की सफारी सुबह और शाम दो स्लॉट में होती है, जो जिप्सी द्वारा करवाई जाती है। बाघों को देखने का रोमांच ही अलग होता है, लेकिन इसके अलावा भी यह जंगल अपनी जैव विविधता के लिए जाना जाता है।अगर आप भाग्यशाली हैं, तो आपकी नज़र शेरों के शिकार करने के नज़ारे पर भी पड़ सकती है। सफारी के दौरान ट्रेंड गाइड आपको न केवल जानवरों के बारे में बताएंगे, बल्कि पेड़ों और जड़ी-बूटियों की जानकारी भी देंगे।

भानगढ़ और पांडुपोल के दर्शनीय स्थल
सरिस्का सिर्फ एक टाइगर रिजर्व नहीं है, बल्कि यह ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों से भी भरपूर है। पास ही स्थित भानगढ़ का किला, जो भारत के सबसे डरावने स्थानों में गिना जाता है, पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय है। वहीं, पांडुपोल हनुमान मंदिर, जो कि अरावली की गुफाओं के बीच स्थित है, धार्मिक आस्था के साथ-साथ प्राकृतिक शांति का अनुभव भी कराता है।

सफर और स्टे की सुविधाएं
सरिस्का तक पहुंचना बेहद आसान है। आप दिल्ली से सड़क मार्ग, रेल या निजी वाहन द्वारा आसानी से यहां पहुंच सकते हैं। अलवर रेलवे स्टेशन सरिस्का का सबसे नजदीकी स्टेशन है। सड़क मार्ग से दिल्ली से सरिस्का पहुंचने में लगभग 4 से 5 घंटे का समय लगता है।यहां ठहरने के लिए कई ऑप्शन्स उपलब्ध हैं — बजट होटल्स से लेकर लग्जरी रिसॉर्ट्स और फॉरेस्ट लॉज तक। राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा संचालित सरिस्का पैलेस भी एक शानदार विकल्प है, जो पुराने राजसी अंदाज़ और आधुनिक सुविधाओं का बेहतरीन मेल है।

पर्यावरण और फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए स्वर्ग
सरिस्का सिर्फ सफारी तक सीमित नहीं है। यह जगह उन लोगों के लिए भी जन्नत है जो बर्ड वॉचिंग, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी या नेचर वॉक का शौक रखते हैं। यहां की पहाड़ियों में कई दुर्लभ पक्षियों की प्रजातियाँ देखने को मिलती हैं जैसे इंडियन पीफॉवल, गोल्डन ओरिओल, ग्रे फ्रैंकोलिन आदि।

कब जाएं और किन बातों का रखें ध्यान?
सरिस्का घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच होता है। गर्मियों में सफारी का अनुभव ज्यादा रोमांचक हो सकता है क्योंकि इस दौरान जानवर अक्सर जलाशयों के पास दिखाई देते हैं।सरिस्का जाने से पहले ऑनलाइन सफारी बुकिंग करा लेना बेहतर होता है, क्योंकि पर्यटकों की भीड़ बढ़ने पर स्लॉट मिलना मुश्किल हो सकता है। साथ ही, कैमरा, बाइनोक्युलर, हैट और वॉटर बॉटल जरूर साथ रखें।

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