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कुंभलगढ़ किला जाने से पहले इस वायरल डॉक्यूमेंट्री में जान लें ये 10 ज़रूरी बातें, ताकि ट्रिप का मजा हो जाए दोगुना 

कुंभलगढ़ किला जाने से पहले इस वायरल डॉक्यूमेंट्री में जान लें ये 10 ज़रूरी बातें, ताकि ट्रिप का मजा हो जाए दोगुना 

राजस्थान के राजसमंद ज़िले में अरावली पर्वतमाला की ऊंचाई पर स्थित कुंभलगढ़ किला ना केवल अपनी विशाल दीवारों और स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह इतिहास, प्रकृति और रोमांच के प्रेमियों के लिए एक अद्भुत पर्यटन स्थल भी है। यदि आप कुंभलगढ़ की यात्रा का प्लान बना रहे हैं तो इससे पहले कुछ ज़रूरी बातों को जान लेना बेहद अहम है, जिससे आपकी ट्रिप न केवल स्मरणीय बने बल्कि पूरी तरह से सुविधाजनक और रोमांचक भी हो।


1. ऐतिहासिक महत्व जानना जरूरी है
कुंभलगढ़ किले का निर्माण 15वीं शताब्दी में राणा कुम्भा ने करवाया था। यह किला मेवाड़ के शासकों की सैन्य सुरक्षा का प्रमुख केंद्र रहा है। खास बात यह है कि यहीं पर मेवाड़ के महान योद्धा महाराणा प्रताप का जन्म हुआ था। इस किले को भारत के सबसे सुरक्षित किलों में गिना जाता है और इसकी दीवार को 'भारत की ग्रेट वॉल' भी कहा जाता है, क्योंकि यह दीवार लगभग 36 किलोमीटर लंबी है – चीन की दीवार के बाद दूसरी सबसे लंबी दीवार।

2. सही मौसम चुनें यात्रा के लिए
राजस्थान की गर्मी काफी तीव्र होती है, इसलिए कुंभलगढ़ की यात्रा के लिए अक्टूबर से मार्च के बीच का समय सबसे उत्तम माना जाता है। इस दौरान मौसम ठंडा और सुहावना रहता है जिससे आप पूरे किले को आराम से घूम सकते हैं और फोटोग्राफी का भी भरपूर आनंद ले सकते हैं।

3. टिकट और समय की जानकारी रखें
कुंभलगढ़ किला सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है। भारतीय नागरिकों के लिए प्रवेश शुल्क लगभग ₹25 और विदेशी पर्यटकों के लिए ₹200 है। यहां लाइट एंड साउंड शो भी आयोजित होता है जो शाम को होता है, जिसमें किले के इतिहास को ध्वनि और प्रकाश के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है – इसे देखने का अनुभव बेहद रोमांचक होता है।

4. किले के प्रमुख दर्शनीय स्थल
कुंभलगढ़ किले के अंदर कई मंदिर, महल और जलाशय स्थित हैं जो इसकी भव्यता को दर्शाते हैं। इनमें मुख्य हैं:
कुम्भा पैलेस – यह शाही निवास स्थल राजा कुम्भा के शासनकाल की झलक दिखाता है।
बदलगढ़ महल – यह ऊँचाई पर स्थित महल शानदार दृश्य प्रदान करता है।
नील कंठ महादेव मंदिर – भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर वास्तुकला और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम है।
जैन मंदिर समूह – कुंभलगढ़ में स्थित अनेक जैन मंदिरों की कलात्मकता देखने योग्य है।

5. ट्रैकिंग और एडवेंचर के लिए भी उपयुक्त
अगर आप रोमांच के शौकीन हैं, तो कुंभलगढ़ किला आपके लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है। यहां कई ट्रैकिंग ट्रेल्स हैं जो जंगलों और पहाड़ों से होकर गुजरते हैं। वन्यजीवों के दर्शन के लिए आप कुंभलगढ़ वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी भी जा सकते हैं, जहां भालू, तेंदुए, सियार और कई पक्षियों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं।

6. फोटोग्राफी और सोशल मीडिया के लिए एक परफेक्ट स्पॉट
कुंभलगढ़ की वास्तुकला, पहाड़ों से घिरा वातावरण और सूरज की रोशनी में चमकती इसकी दीवारें फोटोग्राफी के दीवानों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं। यहां की हर दीवार, दरवाज़ा और छत अपनी कहानी बयां करता है। अगर आप इंस्टाग्राम या ब्लॉगिंग के लिए कंटेंट बना रहे हैं, तो यह स्थान आपके लिए सोने पे सुहागा है।

7. खानपान और ठहरने की व्यवस्था
कुंभलगढ़ किले के पास आपको कई बजट और लग्जरी होटल्स मिल जाएंगे। यहां के कुछ प्रसिद्ध होटल हैं – The Aodhi Hotel, Kumbhalgarh Safari Camp, और Club Mahindra Kumbhalgarh। खाने में पारंपरिक राजस्थानी थाली जरूर ट्राई करें, जिसमें दाल बाटी चूरमा, गट्टे की सब्ज़ी, केर-सांगरी, और चूरमा लड्डू का स्वाद अनोखा होता है।

8. स्थानीय गाइड लें तो अनुभव और बढ़ेगा
अगर आप इतिहास में रुचि रखते हैं तो एक स्थानीय गाइड को साथ लेना काफी फायदेमंद हो सकता है। वे न सिर्फ किले से जुड़ी ऐतिहासिक कहानियों को जीवंत अंदाज़ में बताते हैं बल्कि उन रहस्यों को भी उजागर करते हैं जो आमतौर पर बोर्ड या किताबों में नहीं मिलते।

9. सुरक्षा और सुविधा
कुंभलगढ़ किला एक सुरक्षित पर्यटन स्थल है, लेकिन फिर भी ऊंचे स्थानों और पुराने निर्माण में घूमते समय सावधानी बरतना ज़रूरी है। पानी की बोतल, टोपी और सनस्क्रीन साथ रखें। यदि आप बच्चों और बुजुर्गों के साथ हैं तो उन्हें ऊंचाई वाले हिस्सों तक ले जाने से पहले उनकी सुविधा का ध्यान रखें।

10. ट्रिप को यादगार बनाने के लिए एक दिन पर्याप्त नहीं
अगर आप चाहते हैं कि कुंभलगढ़ की यात्रा वास्तव में यादगार हो तो सिर्फ एक दिन में सब कुछ देख पाना मुश्किल हो सकता है। बेहतर होगा कि आप कम से कम 2 दिन का प्लान बनाएं ताकि आप न केवल किले का हर कोना अच्छी तरह से देख सकें, बल्कि आसपास की प्राकृतिक सुंदरता, जंगल सफारी और गांवों की संस्कृति को भी नजदीक से अनुभव कर सकें।

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