कुम्भलगढ़ किला घूमने जा रहे हैं? तो इन 8 खास जगहों को जरूर देखें, हर कोना बयां करता है वीरता और विरासत की कहानी

राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित कुम्भलगढ़ किला न केवल अपनी ऐतिहासिक भव्यता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसकी विशाल दीवार और दुर्गम संरचना इसे भारत के सबसे प्रभावशाली किलों में से एक बनाती है। यह किला 15वीं शताब्दी में राणा कुम्भा द्वारा बनवाया गया था और यह मेवाड़ साम्राज्य की सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण केन्द्र रहा है। लेकिन सिर्फ किले की बाहरी दीवार या इतिहास ही नहीं, बल्कि इसके भीतर मौजूद अनेक खास जगहें भी पर्यटकों को आकर्षित करती हैं।अगर आप कुम्भलगढ़ किले की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो यहां घूमने लायक कुछ विशेष स्थान हैं जो आपके अनुभव को और भी यादगार बना सकते हैं।
1. कुम्भा महल – इतिहास के क़रीब
किले के भीतर सबसे पहले जो जगह देखने को मिलती है, वह है कुम्भा महल। यह वही महल है जहाँ राणा कुम्भा निवास करते थे। इस महल की बनावट राजस्थानी स्थापत्य कला का जीवंत उदाहरण है। ऊँचे खंभे, नक्काशीदार खिड़कियाँ और रंग-बिरंगे झरोखे इसे बेहद आकर्षक बनाते हैं। कुम्भा महल से सूर्यास्त का दृश्य बेहद मनमोहक होता है।
2. बदल महल – बादलों के बीच
किले के ऊपरी हिस्से में स्थित बदल महल कुम्भलगढ़ की सबसे ऊंची इमारतों में से एक है। यह महल अपने नाम के अनुसार बादलों के बीच स्थित प्रतीत होता है और यहाँ से चारों ओर का दृश्य बेहद आकर्षक दिखाई देता है। बदल महल को राणा फतह सिंह ने बनवाया था और इसकी दीवारों पर सुंदर चित्रकारी और शाही झरोखे इसकी शोभा बढ़ाते हैं।
3. नीला कंठ महादेव मंदिर – आध्यात्मिक अनुभव
किले के परिसर में स्थित नीला कंठ महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर 1458 ईस्वी में बनवाया गया था और इसे देखने के लिए पर्यटक दूर-दूर से आते हैं। यहां 6 फीट ऊंचा शिवलिंग स्थापित है। यह मंदिर शांत वातावरण और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर है।
4. विशाल प्राचीर – भारत की दूसरी सबसे लंबी दीवार
कुम्भलगढ़ किले की सबसे अनूठी विशेषता है इसकी 36 किलोमीटर लंबी दीवार, जिसे ‘ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया’ भी कहा जाता है। यह दीवार चीन की ग्रेट वॉल के बाद दुनिया की दूसरी सबसे लंबी दीवार मानी जाती है। यह दीवार इतनी चौड़ी है कि उस पर आठ घोड़े एक साथ दौड़ सकते हैं। इस दीवार पर टहलते हुए आप किले की सुरक्षा व्यवस्था को महसूस कर सकते हैं।
5. जंगल सफारी और कुम्भलगढ़ वाइल्डलाइफ सेंचुरी
अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं, तो किले से लगे कुम्भलगढ़ वाइल्डलाइफ सेंचुरी भी जरूर जाएँ। यहां भालू, तेंदुआ, भैंसा, नीलगाय और अन्य वन्य जीवों को देखा जा सकता है। जंगल सफारी के माध्यम से आप इस सेंचुरी की जैव विविधता का आनंद ले सकते हैं। यहां का वातावरण शुद्ध, शांत और पूरी तरह प्राकृतिक है।
6. हनुमान पोल और राम पोल – दुर्ग की सुरक्षा के द्वार
कुम्भलगढ़ किले में कई प्रमुख द्वार हैं, जिनमें ‘हनुमान पोल’ और ‘राम पोल’ विशेष हैं। ये द्वार दुर्ग की रणनीतिक रचना को दर्शाते हैं। राम पोल मुख्य प्रवेश द्वार है और यह संरचनात्मक रूप से बेहद मजबूत बनाया गया है ताकि आक्रमण के समय दुश्मन इसे भेद न सके। इन द्वारों पर की गई नक्काशी और स्थापत्य शैली भी दर्शकों को प्रभावित करती है।
7. जैन मंदिर – शांति और स्थापत्य का संगम
किले के भीतर 300 से अधिक मंदिर स्थित हैं, जिनमें कई जैन मंदिर भी शामिल हैं। ये मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं बल्कि वास्तुकला की दृष्टि से भी अद्वितीय हैं। इन मंदिरों में शांत वातावरण में ध्यान लगाकर एक अलग ही आध्यात्मिक अनुभूति होती है।
8. रात्रि लाइट एंड साउंड शो – इतिहास को जीवंत रूप में देखने का अवसर
हर शाम कुम्भलगढ़ किले में होने वाला लाइट एंड साउंड शो भी एक मुख्य आकर्षण है। इस शो के माध्यम से राणा कुम्भा के इतिहास, उनकी वीरता और मेवाड़ की गौरवगाथा को आवाज़ और रोशनी के माध्यम से दिखाया जाता है। यह अनुभव दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ देता है और किले के अतीत को जीवंत बना देता है।