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आमेर की सुरक्षा से लेकर विश्व की सबसे बड़ी तोप तक! वीडियो में देखे Jaigarh Fort के प्रमुख आकर्षण, जो आपको खींच लाएंगे यहां 

आमेर की सुरक्षा से लेकर विश्व की सबसे बड़ी तोप तक! वीडियो में देखे Jaigarh Fort के प्रमुख आकर्षण, जो आपको खींच लाएंगे यहां 

राजस्थान के ऐतिहासिक शहर जयपुर में स्थित जयगढ़ किला न केवल भारत के सैन्य इतिहास का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है, बल्कि स्थापत्य, रणनीति और शौर्य का भी उत्कृष्ट उदाहरण माना जाता है। अरावली पर्वतमाला की चील का टीला नामक पहाड़ी पर बना यह किला आमेर किले से जुड़ा हुआ है और इसे 'विजय दुर्ग' भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है – विजय का किला। यह किला राजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा 1726 में बनवाया गया था और इसका प्रमुख उद्देश्य था आमेर महल और जयपुर शहर की सुरक्षा सुनिश्चित करना।


रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण
जयगढ़
किले का निर्माण पूरी तरह से रक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया था। किले की मोटी दीवारें, छिपे हुए सुरंगमार्ग, ऊँचाई से फैली तोपों की पंक्तियाँ और निगरानी चौकियाँ इसे एक अजेय दुर्ग बनाती हैं। किले से आमेर किले को एक भूमिगत सुरंग द्वारा जोड़ा गया है, जो आपातकालीन स्थिति में शाही परिवार को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने में सहायक रहा करती थी।

जयवाना तोप – किले की सबसे बड़ी पहचान
जयगढ़ किले का सबसे प्रमुख आकर्षण है 'जयवाना तोप' – यह विश्व की सबसे बड़ी पहियों पर चलने वाली तोपों में से एक मानी जाती है। यह विशाल तोप 18वीं शताब्दी में जयगढ़ किले में ही बनाई गई थी और इसका निर्माण राजपूताना की सामरिक शक्ति को दिखाने के लिए किया गया था। कहा जाता है कि इसका परीक्षण केवल एक बार हुआ था, और जब इसे दागा गया तो यह तोप 35 किलोमीटर दूर तक मार कर सकती थी। आज भी यह पर्यटकों के लिए एक बड़ा आकर्षण बना हुआ है।

दर्शनीय स्थल और अन्य प्रमुख आकर्षण
जयगढ़ किले के भीतर कई दर्शनीय स्थल हैं जो इसकी भव्यता को दर्शाते हैं। इनमें से प्रमुख हैं:

लक्ष्मी विलास, ललित मंदिर, विलास मंदिर और अराम मंदिर – ये सभी महल परिसर में आते हैं जो शाही परिवार के निवास और उनके आराम स्थलों के रूप में इस्तेमाल होते थे। इन महलों में चित्रकारी, झरोखे, आंतरिक सज्जा और दीवारों पर बनी कारीगरी आज भी जीवंत प्रतीत होती हैं।

संग्रहालय – जयगढ़ किले के भीतर स्थित संग्रहालय में प्राचीन हथियार, राजसी वेशभूषा, युद्ध के उपकरण, सिक्के, और राजपूताना सैन्य इतिहास से जुड़ी कई वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं। यह संग्रहालय इतिहास प्रेमियों के लिए बेहद रोचक है।

जलाशय और जल प्रबंधन प्रणाली – किले में वर्षाजल को संरक्षित करने के लिए बनाए गए कई जलाशय और टैंक आज भी देखने को मिलते हैं। यह उस युग की इंजीनियरिंग और जल संरक्षण प्रणाली की समझ को दर्शाता है।

प्रकृति और नज़ारे
चील का टीला पहाड़ी पर स्थित होने के कारण जयगढ़ किला एक बेहतरीन व्यूपॉइंट भी है। यहां से जयपुर शहर, आमेर महल, मावठा झील और अरावली की घाटियों का नज़ारा मंत्रमुग्ध कर देता है। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय यहां की दृश्यावली अत्यंत मोहक होती है।

आज का जयगढ़ किला
वर्तमान में जयगढ़ किला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के संरक्षण में है और इसे पर्यटकों के लिए पूरी तरह से खोल दिया गया है। हर साल लाखों सैलानी यहां आते हैं और राजस्थान के गौरवशाली अतीत की भव्यता और शक्ति का अनुभव करते हैं।

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