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कई प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है भोपाल, आप भी करें इन मंदिरों की सैर

कई प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है भोपाल, आप भी करें इन मंदिरों की सैर

लाइफस्टाइल न्यूज़ डेस्क, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल पर्यटन स्थलों से एक है। यहां ऐसी कई प्राचीन, प्रसिद्ध और पवित्र जगहें हैं जहां हर साल लाखों सैलानी घूमने के लिए जाते हैं। इन्हीं पवित्र जगहों में शामिल है यहां मौजूद कुछ मंदिर। इन मंदिरों के दर्शन के लिए हर साल लाखों भक्त भी आते रहते हैं। यहां मौजूद कई मंदिरों का निर्माण 8वीं-12वीं शताब्दी में किया था जो आज भी मध्य प्रदेश के लोगों के लिए किसी धाम से कम नहीं है। ऐसे में अगर आप भी भोपाल घूमने का प्लान बना रहे हैं या फिर यहां मौजूद कुछ पवित्र और प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जानना चाहते हैं ,तो इस आर्टिकल में हम आपको भोपाल शहर में मौजूद कुछ प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, तो आइये जानते हैं- 
कई प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है भोपाल, आप भी करें इन मंदिरों की सैर

लक्ष्मीनारायण मंदिर
भोपाल शहर में मौजूद सबसे प्रसिद्ध और पवित्र मंदिरों का नाम लिया जाता है तो उस लिस्ट में सबसे ऊपर लक्ष्मीनारायण मंदिर है। इस मंदिर को बिरला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर में मौजूद भगवान शिव और विष्णु की मूर्ति दर्शन के लिए हर रोज हजारों भक्तों की लाइन लगी रहती है। इस मंदिर के प्रवेश द्वार पर एक विशाल शंख का निर्माण किया गया जो सैलानियों के लिए किसी आकर्षण से कम नहीं है। इस मंदिर परिसर में एक म्यूजियम भी है, जहां घूमने के लिए जा सकते हैं।
कई प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है भोपाल, आप भी करें इन मंदिरों की सैर

गुफा मंदिर
भोपाल शहर में मौजूद ये मंदिर सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है। कहा जाता है कि इसका निर्माण 8वीं शताब्दी से भी पूर्व किया गया था। गुफा में मौजूद शिवलिंग देश के अन्य राज्यों के लोगों के लिए भी आस्था का केंद्र है। यहां हर सोमवार को भक्तों का मेला लगता है। पहाड़ों के भीतर होने के चलते ये मंदिर एक प्रमुख पर्यटन केंद्र भी है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिस स्थान पर शिवलिंग मौजूद है वो स्थान सात गुफाओं से घिरा हुआ है।
कई प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है भोपाल, आप भी करें इन मंदिरों की सैर

भोजेश्वर मंदिर
भोपाल शहर से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद शिव को समर्पित ये मंदिर भोजपुर मंदिर के नाम से भी प्रसिद्ध है। किंवदंतियों के अनुसार इस स्थान के मूल मन्दिर की स्थापना पांडवों द्वारा की गई मानी जाती है। यहां मौजूद पत्थरों के लेख से मालूम चलता है कि मंदिर के कई हिस्सों का निर्माण 11वीं शताब्दी में भी किया गया है। बेतवा नदी पर मौजूद होने के चलते हर महीने लाखों सैलानी भी घूमने के लिए जाते रहते हैं। 
 

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