5 मिनट का ये शानदार वीडियो देखने के बाद आप भी डेजर्ट नेशनल पार्क घूमने के लिए हो जाएंगे मजबूर, कैसे तपती रेत में पल रहा जीवन ?

राजस्थान का नाम सुनते ही मन में थार रेगिस्तान, रेत के टीलों और ऊँटों की छवि उभर आती है, लेकिन इन्हीं रेत के विस्तृत समंदर के बीच एक ऐसा स्थान है जो ना केवल प्रकृति प्रेमियों बल्कि वन्यजीव विशेषज्ञों और पर्यावरण प्रेमियों के लिए भी एक स्वर्ग साबित होता है। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं डेजर्ट नेशनल पार्क (Desert National Park), जैसलमेर की, जो भारत के सबसे अद्भुत और अनोखे राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है। यह पार्क ना केवल जैव विविधता से भरपूर है, बल्कि रेगिस्तानी पारिस्थितिकी तंत्र को भी बहुत ही सुंदर और अनूठे तरीके से प्रदर्शित करता है।
रेगिस्तान में फैला जीवन का अद्भुत संसार
डेजर्ट नेशनल पार्क राजस्थान के पश्चिमी भाग, खासकर जैसलमेर और बाड़मेर जिलों में फैला हुआ है। यह लगभग 3162 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है, जो इसे भारत के सबसे बड़े राष्ट्रीय उद्यानों में से एक बनाता है। यहां की खासियत यह है कि यह रेगिस्तान की ऊबड़-खाबड़ ज़मीन और रेत के टीलों के बीच स्थित है, लेकिन फिर भी यह जैव विविधता का एक महत्वपूर्ण केंद्र है।यहाँ आपको ऐसे पक्षी और पशु देखने को मिलेंगे जो सिर्फ शुष्क और कठोर जलवायु में ही जीवित रह सकते हैं। खासकर, यह पार्क उन जीवों का घर है जो संकटग्रस्त या लुप्तप्राय श्रेणी में आते हैं। यही वजह है कि यह क्षेत्र सिर्फ पर्यटन स्थल ही नहीं, बल्कि संरक्षण का केंद्र भी बन गया है।
ग्रेट इंडियन बस्टर्ड का आखिरी बसेरा
डेजर्ट नेशनल पार्क की सबसे खास बात यह है कि यह भारत के सबसे दुर्लभ पक्षियों में से एक, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (Godawan) का प्राकृतिक आवास है। यह पक्षी आज विलुप्ति की कगार पर है और इसे देखने के लिए दुनिया भर से पक्षी प्रेमी और शोधकर्ता यहां आते हैं। ऊँचा कद, लंबी गर्दन और शानदार चाल के साथ यह पक्षी इस पार्क की पहचान बन चुका है। भारत सरकार ने इसे संरक्षित पक्षी घोषित किया है और इसके संरक्षण के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
वन्यजीवों की विविधता
हालाँकि यह इलाका रेगिस्तान का है, लेकिन यहाँ आपको वन्यजीवों की बहुत विविधता देखने को मिलेगी। सियार, रेगिस्तानी लोमड़ी, ब्लैकबक, चिंकारा (इंडियन गजेल), रेगिस्तानी बिल्ली, और हाइना जैसे जीव यहां के मूल निवासी हैं। साथ ही, यहाँ पक्षियों की भी भरपूर संख्या है जैसे कि ईगल, बाज, गिद्ध, लार्क्स, बुलबुल और सैंडग्रोस। सर्दियों में यह पार्क प्रवासी पक्षियों का भी अस्थायी घर बन जाता है, खासकर साइबेरिया से आने वाले पक्षियों के लिए।
भूगर्भीय और पारिस्थितिक महत्व
डेजर्ट नेशनल पार्क न केवल जैविक बल्कि भूगर्भीय दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहाँ पर पाए जाने वाले सौ मिलियन वर्ष पुराने जीवाश्म (फॉसिल्स) इस बात का प्रमाण हैं कि कभी यह क्षेत्र समुद्र के नीचे हुआ करता था। वैज्ञानिक इन फॉसिल्स के आधार पर राजस्थान के भूगर्भीय इतिहास को समझने की कोशिश करते हैं। यह पार्क रेगिस्तान की पारिस्थितिकी (इकोसिस्टम) को समझने और उसमें मौजूद जीवन की अनुकूलन क्षमता का अद्भुत उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।
रोमांचकारी सफारी अनुभव
जो पर्यटक रोमांच की तलाश में आते हैं, उनके लिए डेजर्ट नेशनल पार्क में जीप सफारी और कैमल सफारी का अनुभव बेहद खास होता है। रेत के टीलों के बीच जब ऊँट पर बैठकर आप सूरज ढलने का नज़ारा देखते हैं, तो वह पल जीवनभर के लिए स्मृति बन जाता है। साथ ही, कुछ भागों में गाइडेड नेचर वॉक और पक्षी अवलोकन (बर्ड वॉचिंग) जैसी गतिविधियाँ भी आयोजित की जाती हैं।
इको-टूरिज्म और पर्यावरण संरक्षण
राजस्थान सरकार और वन विभाग मिलकर यहां इको-टूरिज्म को बढ़ावा दे रहे हैं। इससे न केवल स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा है बल्कि पर्यटकों को भी एक शिक्षाप्रद अनुभव मिलता है। इस क्षेत्र को संरक्षित करने की दृष्टि से प्लास्टिक उपयोग पर प्रतिबंध, सौर ऊर्जा का प्रयोग और जैविक अपशिष्ट प्रबंधन जैसे उपायों को अपनाया जा रहा है।
पहुँच और ठहरने की सुविधा
डेजर्ट नेशनल पार्क, जैसलमेर शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित है और यहाँ तक पहुँचना आसान है। जैसलमेर रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट से यहां आसानी से पहुँचा जा सकता है। आसपास कई होमस्टे, रिसॉर्ट्स और टेंट कैम्पिंग सुविधाएं भी उपलब्ध हैं जो पारंपरिक राजस्थानी अनुभव के साथ ठहरने की व्यवस्था प्रदान करती हैं।