उत्तराखंड सरकार नें जारी की ग्रन टैक्स की योजना

जयपुर। अब जो भी पर्यटक उत्तराखंड की सैर पर जाएंगे उन्हें ग्रीन टैक्स नामक टैक्स की भरपाई करनी होगी। फिर चाहे आप एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए जाएं या फिर आप चार धाम यात्रा के लिए जाए या फिर शादी में जाएं यह टैक्स अब अनिवार्य हो गया हैं। यहां की लोकल बॉडीज ने यह तय किया हैं की यहा से कमाया हुआ पैसा वो उस जगह के विकास और ईको फैंडली प्रैक्टिसेज को प्रमोट करने में लगाएंगे।
उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूईपीपीसीबी) ने वन और पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत के साथ बैठक में बढ़ते प्रदूषण के मुद्दे पर प्रकाश डाला। यह औली में गुप्ता-परिवार की शादी की खबर के बाद आया, जिसने इतना कचरा पैदा कर दिया कि पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र से मलबे को हटाने में एक सप्ताह से अधिक समय लग गया।
टूरिज्म उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को बढाने में बहुत ही महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक हैं। यह जगह अपने तीर्थ, वाईल्ड लाईफ टूरिज्म, और एडवेन्चर एक्टिविटीज के लिए बहुत मशहूर हैं। एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसोचैम) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, 2015 में 2.25 करोड़ देशी और 1.1 लाख विदेशी पर्यटकों ने राज्य का दौरा किया। अगस्त 2018 में, उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड सरकार को कहा हैं कि अल्पाईन पहाडियों पर पर्यटको की संख्या 200 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
और हाल ही में, औली एक 200-करोड़ मूल्य की शादी के बाद चर्चा में था, जिससे 32,000 किलो कचरा पैदा हुआ। और इसलिए, यह उच्च समय है कि इस पारिस्थितिकी-संवेदनशील क्षेत्र का ध्यान रखा जाता है और हमारे किए गए नुकसान के लिए भुगतान करते हैं।