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जयपुर की यात्रा अधूरी है जब तक ना करें गोविंद देव जी मंदिर के दर्शन, 3 मिनट के लीक्ड वीडियो में जाने कैसे पहुंचे, क्या देखें और कब जाएं

जयपुर की यात्रा अधूरी है जब तक ना करें गोविंद देव जी मंदिर के दर्शन, 3 मिनट के लीक्ड वीडियो में जाने कैसे पहुंचे, क्या देखें और कब जाएं

जयपुर—राजस्थान की राजधानी, अपनी शाही विरासत, भव्य किलों और रंग-बिरंगे बाजारों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। लेकिन अगर आपने जयपुर की यात्रा की है और गोविंद देव जी मंदिर के दर्शन नहीं किए, तो मानिए आपकी यात्रा अधूरी रह गई। यह मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि श्रद्धा, आस्था और परंपरा का वह केंद्र है जहां भगवान कृष्ण अपने भक्तों के बीच जीवंत रूप में पूजे जाते हैं।


इतिहास और महत्त्व

गोविंद देव जी मंदिर जयपुर के सिटी पैलेस परिसर में स्थित है और इसका इतिहास जयपुर के संस्थापक महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय से जुड़ा है। यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के उस स्वरूप को समर्पित है जिसे ‘गोविंद देव’ कहा जाता है। मान्यता है कि यह मूर्ति स्वयं ब्रजधाम (वृंदावन) से लाई गई थी और इसका निर्माण स्वयं वज्रनाभ—भगवान कृष्ण के प्रपौत्र—द्वारा करवाया गया था।माना जाता है कि यह प्रतिमा श्रीकृष्ण के वास्तविक स्वरूप से अत्यंत मिलती-जुलती है। इसी कारण यहां दर्शन करना, मानो स्वयं श्रीकृष्ण के साक्षात रूप को देखना होता है। यही कारण है कि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ हर दिन यहां उमड़ती है, विशेषकर जनमाष्टमी, अन्नकूट, और फाल्गुन उत्सव के दौरान।

मंदिर की वास्तुकला और वातावरण
गोविंद देव जी मंदिर की वास्तुकला मुगल और राजस्थानी शैली का मिश्रण है। लाल और गुलाबी पत्थरों से बने इस भव्य मंदिर में सोने का काम, नक्काशीदार खंभे और कलात्मक चित्रण देखने को मिलता है। गर्भगृह में विराजमान श्रीकृष्ण की मूर्ति सजीव भाव लिए हुए है, और जब आरती होती है, तो पूरा मंदिर परिसर भक्ति में डूब जाता है।मंदिर के सामने एक विशाल बगीचा और चौक स्थित है, जहां श्रद्धालु बैठकर ध्यान करते हैं या भजन-कीर्तन का आनंद लेते हैं। यहां की प्रातःकालीन मंगला आरती से लेकर रात्रिकालीन शयन आरती तक का हर क्षण एक आध्यात्मिक अनुभूति कराता है।

कैसे पहुंचे गोविंद देव जी मंदिर?
गोविंद देव जी मंदिर जयपुर के मुख्य भाग सिटी पैलेस के करीब स्थित है, जिसे शहर के किसी भी कोने से आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां पहुंचने के लिए आपको कोई विशेष परेशानी नहीं होगी:
हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, जो मंदिर से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर है।
रेल मार्ग: जयपुर रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी लगभग 5 किलोमीटर है। स्टेशन से टैक्सी, ऑटो या कैब के माध्यम से सीधे मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।
सड़क मार्ग: जयपुर शहर राजस्थान के हर जिले और अन्य राज्यों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। मंदिर NH-8 और अजमेर रोड से भी नजदीक पड़ता है।

दर्शन और आरती का समय
गोविंद देव जी मंदिर में दर्शन के लिए दिन भर में कई बार पट (द्वार) खोले जाते हैं। इन समयों को झांकी कहा जाता है, जिनमें से प्रत्येक का धार्मिक महत्त्व होता है।

प्रमुख झांकियां (दर्शन समय):
मंगला झांकी: प्रातः 4:30 बजे
धूप झांकी: सुबह 7:30 बजे
श्रृंगार झांकी: दोपहर 9:30 बजे
राजभोग झांकी: दोपहर 11:00 बजे
उत्थापन झांकी: शाम 5:30 बजे
संध्या आरती: शाम 6:45 बजे
शयन झांकी: रात 8:30 बजे

(समय मौसम और विशेष पर्वों पर बदल सकता है)

कब जाएं?
वैसे तो आप साल के किसी भी समय गोविंद देव जी के दर्शन कर सकते हैं, लेकिन जनमाष्टमी, राधाष्टमी, फाल्गुन मास, और रामनवमी जैसे पर्वों पर यहां का वातावरण अविस्मरणीय हो जाता है। इन अवसरों पर मंदिर विशेष रूप से सजाया जाता है और हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं।

क्या देखें?
मंदिर दर्शन के अलावा, आप सिटी पैलेस परिसर में अन्य ऐतिहासिक स्थल भी देख सकते हैं:
चंद्रमहल
दीवान-ए-आम
दीवान-ए-खास
मुबारक महल
साथ ही, पास में ही स्थित जंतर मंतर और हवा महल भी दर्शनीय स्थल हैं।

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