Samachar Nama
×

भारत की क्षेत्रीय संस्कृति से रूबरू होने के लिए फरवरी महीने में इन जगहों की करें सैर

,

ट्रेवल न्यूज़ डेस्क, फरवरी का महीना घूमने के लिए एकदम सही है। इस महीने में बसंत ऋतु का आगमन होता है। इससे वातावरण में नवीनता आती है। बगीचे में कोयल की मधुर आवाज सुनाई देती है। साथ ही लोगों में जोश और उत्साह का माहौल है। कई जगहों पर होली की तैयारियां भी शुरू हो जाती हैं। इस महीने में बड़ी संख्या में लोग पिकनिक मनाने जाते हैं। अगर आप भी फरवरी के महीने में घूमने का प्लान बना रहे हैं तो भारत की क्षेत्रीय संस्कृति से रूबरू होने के लिए इन जगहों पर जा सकते हैं। आइए जानते हैं-

काला घोड़ा कला महोत्सव, महाराष्ट्र

कला घोड़ा कला महोत्सव हर साल फरवरी के महीने में मुंबई, महाराष्ट्र में आयोजित किया जाता है। इस साल काला घोड़ा कला महोत्सव का आयोजन 4 फरवरी से 12 फरवरी तक किया जा रहा है। काला घोड़ा कला महोत्सव का लुत्फ उठाने के लिए आप फरवरी के महीने में मुंबई आ सकते हैं।

सूरजकुंड शिल्प मेला, हरियाणा

हर साल फरवरी के महीने में देश की राजधानी दिल्ली के पास फरीदाबाद में सूरजकुंड शिल्प मेले का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष भी सूरजकुंड मेले का आयोजन 4 फरवरी से 20 फरवरी तक किया जा रहा है। इस मेले में आप न केवल स्थानीय शिल्पों से रूबरू हो सकते हैं, बल्कि उत्तर भारत की सभ्यता और संस्कृति को भी करीब से जान सकते हैं। इसके अलावा यहां के स्थानीय जायकों का भी लुत्फ उठा सकते हैं।

एलिफेंटा महोत्सव, महाराष्ट्र

एलिफेंटा की गुफाओं को यूनेस्को ने विश्व धरोहर का दर्जा प्राप्त है। यह प्रमुख पर्यटन स्थल मुंबई, महाराष्ट्र में है। हर साल काला घोड़ा महोत्सव के बाद मुंबई में एलिफेंटा महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस साल एलिफेंटा महोत्सव 13 से 15 फरवरी तक है। भारतीय सभ्यता से रूबरू होने के लिए आप एलिफेंटा महोत्सव में शामिल हो सकते हैं।

ताज महोत्सव, उत्तर प्रदेश

अगर आप प्यार की निशानी ताजमहल देखना चाहते हैं तो फरवरी के महीने में आयोजित होने वाले ताज महोत्सव में शामिल हो सकते हैं। ताज महोत्सव हर साल 18 फरवरी से 27 फरवरी तक आयोजित किया जाता है। आप अपने दोस्तों के साथ घूमने के लिए फरवरी में आगरा जा सकते हैं।

सेकेरेनी महोत्सव, नागालैंड

अगर आप खुद को नागालैंड की संस्कृति में डुबाना चाहते हैं तो सेकेरेनी फेस्टिवल में शामिल हो सकते हैं। यह उत्सव हर साल 25 फरवरी को आयोजित किया जाता है। आप स्थानीय रीति-रिवाजों और संस्कृति और व्यंजनों से रूबरू हो सकते हैं।

Share this story

Tags