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3 मिनट की इस डॉक्यूमेट्री में जाने कुम्भलगढ़ किले के अनसुने और रोचक तथ्य, जो शायद ही जानता है कोई 

राजस्थान अपनी खूबसूरती और अनूठी परंपराओं के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। यहां कई ऐसे दार्शनिक स्थल हैं, जिनकी खूबसूरती देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। इस राज्य में कई किले और महल हैं, जो राजस्थान की शान में चार चांद लगाते हैं। इन्हीं में से एक है कुंभलगढ़ किला, जिसकी खूबसूरती लोगों को दूर-दूर से अपनी ओर आकर्षित करती है। यह किला जितना शानदार है, उतना ही इसका इतिहास भी शानदार है। आइए आज जानते हैं राजस्थान के कुंभलगढ़ किले का स्वर्णिम इतिहास-


कुंभलगढ़ किले का इतिहास
कुंभलगढ़ किला अपनी विशाल दीवारों के लिए जाना जाता है। 36 किलोमीटर तक फैली इसकी दीवारें चीन की महान दीवार के बाद दुनिया की दूसरी सबसे लंबी दीवार मानी जाती हैं। यही वजह है कि इस किले की दीवार को अक्सर भारत की लंबी दीवार के नाम से भी जाना जाता है। राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित यह शानदार किला अरावली पर्वत की पश्चिमी श्रृंखला पर उदयपुर से करीब 84 किलोमीटर दूर है। इस किले का निर्माण 15वीं शताब्दी में मेवाड़ क्षेत्र के शासक राणा कुंभा ने करवाया था। 

अभेद्य किलों में से एक कुंभलगढ़ किला
अपनी मजबूत सुरक्षा और एकांत स्थान के कारण कुंभलगढ़ किला भारत के सबसे अभेद्य किलों में से एक माना जाता था। इस किले को मेवाड़ किले के नाम से भी जाना जाता है। यह स्थान महान राजपूत राजा महाराणा प्रताप की जन्मस्थली थी। इस किले में मौजूद हर चीज दुश्मन से बचने के लिए बनाई गई थी। इस किले में मौजूद सात द्वार, 13 पर्वत शिखर और कई वॉच टावर इसे दुश्मन के लिए और भी चुनौतीपूर्ण बनाते थे। कुछ ऐतिहासिक अभिलेखों से पता चलता है कि इस किले पर केवल एक बार ही घेराबंदी की गई थी।

किले में मौजूद सात द्वार
इस विशाल किले में प्रवेश करने के लिए सात किलेबंद प्रवेश द्वार बनाए गए थे। इन सात द्वारों के नाम हैं अरेत पोल, हनुमान पोल, राम पोल, विजय पोल, निम्बू पोल, पघरा पोल और तोप खाना पोल। इसके अलावा आप इसके अंदर बादल महल भी देख सकते हैं। यह महल किले के सबसे ऊंचे स्थान पर मौजूद है, जहां से आसपास के ग्रामीण इलाकों और बादलों का खूबसूरत नजारा देखा जा सकता है। इसी कारण इसे बादल महल कहा जाता है। साथ ही इस किले के परिसर में 360 से अधिक मंदिर हैं, जिनमें सबसे प्रसिद्ध श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर है।

यूनेस्को विश्व धरोहर
अपनी कई खूबियों और गौरवशाली इतिहास के कारण कुंभलगढ़ किला यूनेस्को विश्व धरोहर की सूची में शामिल है। राजस्थान के पहाड़ी किलों में शामिल कुंभलगढ़ किले को वर्ष 2013 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में चुना गया था। आज भी बड़ी संख्या में लोग इस किले की भव्यता को देखने के लिए यहां आते हैं। शाम के समय इस किले में घूमने आने वाले पर्यटक यहां शानदार लाइट एंड साउंड शो का आनंद ले सकते हैं, जिसमें किले से जुड़े इतिहास का वर्णन किया जाता है।

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