Rajesh Roshan Lal Nagrath Birthday हिन्दी फ़िल्मों के प्रसिद्ध संगीतकार राजेश रोशन लाल नागरथ के जन्मदिन पर जानें इनका जीवन परिचय
राजेश रोशन लाल नागरथ (अंग्रेज़ी: Rajesh Roshan Lal Nagrath, जन्म- 24 मई, 1955, मुम्बई, महाराष्ट्र) हिन्दी फ़िल्मों के प्रसिद्ध संगीतकार हैं। उनके बड़े भाई राकेश रोशन प्रसिद्ध फ़िल्म निर्माता-निर्देशक हैं जो अपने समय के प्रसिद्ध अभिनेता भी रहे हैं। अभिनेता ऋतिक रोशन राजेश रोशन के भतीजे हैं। सन 1975 से अपना कॅरियर शुरू करने वाले राजेश रोशन ने लगभग सभी बड़े निर्देशकों के साथ काम किया है। उन्हें हिंदी सिनेमा में पहचान 'जूली' गाने से मिली। इस गाने ने उन्हें उनका पहला फिल्मफेयर बेस्ट संगीत निर्देशक का अवार्ड भी दिलाया था। उन्हें हिंदी सिनेमा में पहचान दिलाने का श्रेय महमूद को जाता हैं जिन्होंने राजेश रोशन को अपनी फिल्म में संगीत निर्देशन के लिए चुना था।
परिचय
राजेश रोशन बचपन में संगीतकार नहीं, बल्कि एक सरकारी नौकर बनना चाहते थे। पर पिता के देहांत के बाद उन्होंने संगीत में रूची लेना शुरू कर दिया। राजेश रोशन की पहली गुरु उनकी मां इरा रोशन थीं। पिता की मौत के बाद उनके परिवार वालों ने अपने नाम के पीछे 'नागरथ' सरनेम लगाना छोड़ दिया। उन्होंने अपने पिता को याद रखने के लिए उनके ही नाम को अपना सरनेम बना लिया। राजेश रोशन, राकेश रोशन और ऋतिक रोशन। ये तीनों आज फ़िल्म इंडस्ट्री के बहुत बड़े नाम हैं।
कॅरियर
70-80 के दशक में जब हिन्दी सिनेमा में संगीतकार लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, आर. डी. बर्मन और कल्याणजी-आनंदजी जैसी जोड़ियों का बोलबाला था, उस दौर में एक नए संगीतकार ने बॉलीवुड में एंट्री की। उसने अपनी मंत्र मुग्ध कर देने वाली धुनों से न सिर्फ़ दर्शकों का दिल जीता, बल्कि इंडस्ट्री में भी अपनी एक अलग पहचान बनाई। मशहूर संगीतकार राजेश रोशन पिछले 5 दशकों से इंडस्ट्री में सक्रीय हैं। इस बीच राजेश रोशन ने ‘कर्ज़’, ‘कोयला’, ‘जूली’, ‘करन-अर्जुन’, ‘पापा कहते हैं’, ‘कहो ना प्यार है’, ‘कृष’, ‘काब़िल’ जैसी सैंकड़ों फ़िल्मों में बतौर म्यूज़िक डायरेक्टर काम किया। फ़िल्मों में बेहतरीन संगीत देने के लिए उन्हें दो बार फ़िल्म फ़ेयर के बेस्ट म्यूज़िक डायरेक्टर के अवॉर्ड से भी सम्मानित जा चुका है।
मशहूर कॉमेडियन और एक्टर महमूद साहब ने राजेश रोशन को पहला मौक़ा दिया था। फ़िल्म का नाम था 'कुंवारा बाप'। इस फ़िल्म के एक गाने 'सज रही गली' के लिए धुन की तलाश में थे महमूद साहब। तब किसी ने राजेश रोशन का नाम सुझाया। महमूद साहब ने उन्हें बुलाया और धुन बनाने को कहा। राजेश रोशन ने ऐसी धुन बनाई की उसे सुनते ही महमूद जी ने उन्हें गले लगा लिया। इस तरह उन्हें अपनी पहली फ़िल्म मिली।
अमिताभ से गायन
फ़िल्म 'नटवर लाल' का संगीत राजेश रोशन ने दिया था। इस फ़िल्म में पहली बार अमिताभ बच्चन ने गाना गया था। ये मौक़ा उन्हें राजेश रोशन ने ही दिया था। गाना था 'मेरे पास आओ मेरे दोस्तों…', जो आज भी अमिताभ बच्चन के सुपरहिट गीतों में से एक है।

