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Mayawati B'day: सीएम नहीं बल्कि कलेक्टर बनना चाहती थी मायावती, राजनीति में आने से पहले ऐसी थी उनकी कहानी

Mayawati B'day: सीएम नहीं बल्कि कलेक्टर बनना चाहती थी मायावती, राजनीति में आने से पहले ऐसी थी उनकी कहानी

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती आज अपना 66वां जन्मदिन मना रही हैं । कोरोना काल में मायावती ने अपने जन्मदिन को मनाने से सभी कार्यकर्ताओं को मना कर दिया हैं । मायावती ने अपने कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा हैं कि, इस महामारी के काल में कार्यकर्ता उनका जन्मदिवस सादगी और जनकल्याणकारी दिवस के रूप में मनाए । वहीं बसपा सुप्रीमो अपने जन्म दिन के मौके पर ब्लू बुक मेरे संघर्षमय जीवन व बसपा मूवमेंट का सफरनामा का विमोचन करेंगी ।

बताया जा रहा है कि, बसपा सुप्रीमो मायावती देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री रही हैं । बताया जाता है कि, साल 2012 विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद आज 9 साल का समय बीत चुका है, मगर पार्टी ने किसी भी चुनाव में जीत हासिल नहीं की हैं । वहीं इस साल हो रहे विधानसभा चुनाव में बसपा एकला चलो मंत्र के साथ आगे बढ़ रही है ।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, मायावती की दिल्ली से पढ़ाई लिखाई हुई,सपना कलेक्टर बनने का था मगर राजनीति में उनका प्रवेश कांशीराम की विचारधारा से प्रभावित होकर हुआ । राजनीति में आने से पहले मायावती शिक्षिका थीं और साल 1989 में पहली बार सांसद बनी । जिसके बाद साल 1995 में वह अनुसूचित जाति की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं जिसके बाद साल 2001 में बसपा प्रमुख एवं पार्टी संस्थापक कांशीराम ने मायावती को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया और साल 2002-2003 के दौरान भारतीय जनता पार्टी की गठबंधन सरकार में मायावती मुख्यमंत्री बनीं उसके बाद साल 2007 के विधानसभा चुनाव जीतकर फिर से सत्ता में लौटी और यूपी की कमान संभाली मगर साल 2012 के विधानसभा चुनाव में मायावती की बहुजन समाजवादी पार्टी चुनाव हार गई और तक से लेकर आज तक पार्टी कोई भी चुनाव नहीं जीत पाई हैं ।

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