GODHRA KAND : गोधरा काण्ड के 19 साल , वो घटना जिसने रखी थी गुजरात दंगो की नींव
आज 27 फरवरी है, आज ही के दिन देश में गोधरा काण्ड हुआ था। एक ऐसा काण्ड जिसके बाद गुजरात में दंगे हुए साथ ही हिंदु मुस्लिम सौहार्दता पर भी आंच आ गयी। आज ही के दिन सुबह के समय साबरमती एक्सप्रेस दाहोद रेलवे स्टेशन पर पहुंची। इस ट्रेन में बड़ी संख्या में कार सेवक मौजूद थे जो कि अयोध्या से लौट रहे थे। ट्रेन के स्टेशन पर रुकने के दौरान एक मुस्लिम चाय वाला ट्रेन में चढ़ने की कोशिश करता है लेकिन उसे रोक दिया जाता है , इसके बाद चाय वाले और यात्रियों के बीच में झगड़ा शुरू होता हैं। इसके बाद चायवाला दाहोद से गोधरा फ़ोन करता है। इसके बाद ट्रेन जब दाहोद से गोधरा पहुँचती है तब भारतीय इतिहास को शर्मसार करने के लिए भी मजबूर कर देती है।
ट्रेन पर फेंके गए पत्थर
जाँच रिपोर्ट के अनुसार ट्रेन के गोधरा स्टेशन से रवाना होते ही उसकी इमरजेंसी चेन खींची गयी और उसके बाद एकदम से भीड़ ने जमा होकर वहां पर पत्थरबाजी शुरू कर दी और ट्रेन के कोच नम्बर 6 में आग लगा दी ,जिसमे कार सेवक बडी संख्या में मौजूद थे।
हुई थी 59 लोगो की मौत
इस घटना में 59 लोगो की जान चली गयी थी। शाम होते होते इस घटना ने पूरे गुजरात में अशांति फैला दी और इसने दंगो का रूप ले लिया। अगले तीन दिन तक गुजरात दंगाइयों के हवाले रहा, जिसमे करीब 1200 लोग मारे गए। गुज़रात की सरकार इस हिंसा को रोकने में असफल रही थी। दंगो का आलम ये था की इसे काबू करने के लिए राजय में सेना को उतारना पड़ा था।
मोदी सरकार को मिली थी क्लीन चिट
गुजरात में हुए इन दंगो को लेकर 1500 पन्नो की एक अंतिम जांच रिपोर्ट बनाई गयी थी। इसमे कहा गया था की इस रिपोर्ट में ऐसे कोई साक्ष्य नही मिले जिससे ये कहा जा सके की राज्य सरकार या उसके मंत्री इस दंगे में किसी तरह शामिल थे। इसके बाद आयोग ने नरेंद्र मोदी की सरकार को क्लीन चिट दे दी थी।