Samachar Nama
×

Bhupndranath Dutt Death Anniversary आज हैं प्रसिद्ध क्रांतिकारी, लेखक तथा समाजशास्त्री भूपेंद्रनाथ दत्त की पुण्यतिथि, इस मौके पर जानें इनके बारे में कुछ अनसुने किस्से

भूपेन्द्रनाथ दत्त भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रसिद्ध क्रान्तिकारी, लेखक एवं समाजशास्त्री थे। वह स्वामी विवेकानन्द के भाई थे। भूपेन्द्रनाथ दत्त अपनी युवावस्था में 'युगान्तर आन्दोलन' से घनिष्ठ रूप से जुड़े रहे। अपनी गिरफ्तारी....
samacharnama.com

इतिहास न्यूज डेस्क !! भूपेन्द्रनाथ दत्त भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रसिद्ध क्रान्तिकारी, लेखक एवं समाजशास्त्री थे। वह स्वामी विवेकानन्द के भाई थे। भूपेन्द्रनाथ दत्त अपनी युवावस्था में 'युगान्तर आन्दोलन' से घनिष्ठ रूप से जुड़े रहे। अपनी गिरफ्तारी (वर्ष 1907) तक वे 'युगांतर पत्रिका' के संपादक रहे। भूपेन्द्रनाथ दो बार 'अखिल भारतीय श्रमिक संघ' के अध्यक्ष भी रहे।[1]

जन्म एवं परिचय

भूपेन्द्रनाथ दत्त का जन्म 4 सितम्बर, 1880 ई. को हुआ था। यह कोलकाता में हुआ. उनके परिवार का बंगाल के बुद्धिजीवियों से गहरा संबंध था। भूपेन्द्रनाथ की प्रारंभिक शिक्षा ईश्वर चंद्र विद्यासागर द्वारा स्थापित स्कूल में हुई। उन्होंने राजनीतिक गतिविधियों के साथ-साथ अपनी पढ़ाई भी जारी रखी और अमेरिका से एम.ए. की उपाधि प्राप्त की। और जर्मनी से पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की

क्रांतिकारी गतिविधियाँ

भूपेन्द्रनाथ दत्त शीघ्र ही क्रांतिकारियों के संपर्क में आये और बंगाल क्रांतिकारी दल के मुख्य पत्र युगांतर के संपादक बन गये। 1902 में उन्हें राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया और एक वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई। जेल से छूटने के बाद जब भूपेन्द्रनाथ दत्त को 'अलीपुर बम कांड' में फंसाने की तैयारी होने लगी तो वे देश छोड़कर अमेरिका चले गये। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भूपेन्द्रनाथ जर्मनी में थे। वे अमेरिका में स्थापित 'गदर पार्टी' से भी जुड़े। वे 1925 में भारत आये। भूपेन्द्रनाथ दत्त को यह देखकर दुःख हुआ कि जो लोग स्वयं को मार्क्सवादी कहते थे वे भारत के स्वतंत्रता संग्राम का विरोध कर रहे थे।

समाज सुधारक

भूपेन्द्रनाथ दत्त कांग्रेस में शामिल हो गये। 1930 की कराची कांग्रेस में किसानों और मजदूरों के कल्याण संबंधी प्रस्ताव को स्वीकृत कराने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। फिर उन्होंने अपना ध्यान कार्यकर्ताओं को संगठित करने की ओर लगाया। भूपेन्द्रनाथ दो बार अखिल भारतीय श्रमिक संघ के अध्यक्ष भी रहे। भूपेन्द्रनाथ दत्त समाज सुधार कार्यों में बराबर भाग लेते रहे। वह जातिवाद, छुआछूत और महिलाओं के खिलाफ भेदभाव के खिलाफ थे।

लेखन कार्य

भूपेन्द्रनाथ दत्त एक अच्छे लेखक थे। उनके द्वारा लिखित कुछ प्रसिद्ध पुस्तकें निम्नलिखित हैं-

  • 'हिन्दू कर्मकांड की द्वंद्वात्मकता'
  • 'भारत की भूमि-अर्थशास्त्र की द्वंद्वात्मकता'
  • 'स्वामी विवेकानन्द देशभक्त-पैगम्बर'
  • 'भारत का दूसरा स्वतंत्रता संग्राम'
  • 'भारतीय सामाजिक नीति की उत्पत्ति और विकास'

निधन

26 दिसंबर, 1961 को भूपेन्द्रनाथ दत्त का कोलकाता में निधन हो गया।

Share this story