Vijay Pandurang Bhatkar Birthday भारतीय वैज्ञानिक एवं आई. टी. प्रध्यापक विजय पाण्डुरंग भटकर के जन्मदिन पर जानें इनके रोचक फैक्ट्स
विजय पाण्डुरंग भटकर (अंग्रेज़ी: Vijay Pandurang Bhatkar, जन्म- 11 अक्टूबर, 1946, महाराष्ट्र) भारतीय वैज्ञानिक एवं आई. टी. प्रध्यापक हैं। भारतीय सुपर कम्प्यूटरों के विकास में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान है। वे भारतीय सुपरकम्प्यूटिंग के जनक कहे जाते हैं। उनकी पहचान देश के पहले सुपरकम्प्यूटर परम के निर्माता और देश में सुपरकम्प्यूटिंग की शुरुआत से जुड़े सी-डेक के संस्थापक कार्यकारी निदेशक के रूप में है। 25 जनवरी 2017 से अगले तीन सालों तक में वे नालंदा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति रहेंगे।
भारत के पहले सुपर कम्प्यूटर परम के निर्माता डॉ. विजय भटकर का जन्म 11 अक्टूबर, 1946 को महाराष्ट्र में हुआ था। वह आई. टी. लिडर के नाम से प्रसिद्ध हैं। डॉ. भटकर ने 1965 में बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग और 1968 में मास्टर ऑफ़ इंजीनियरिंग की डिग्री आई. आई. टी. दिल्ली, सर विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, नागपुर और एम. एस. यूनिवर्सिटी, वड़ोदरा से ग्रहण की थी।[1]
वह दिल्ली स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई. आई. टी.) के बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स के अध्यक्ष हैं। इसके अलावा वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संगठन विज्ञान भारती के प्रमुख भी हैं, जो स्वदेशी विज्ञान को बढ़ावा देने से जुड़ा है। भाटकर केंद्रीय मंत्रिमंडल की वैज्ञानिक सलाहकार समिति एवं वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के संचालक मंडल के सदस्य रह चुके हैं।
भारत में सुपर कम्प्यूटर के विकास में अहम भूमिका निभाने वाले कम्प्यूटर वैज्ञानिक डॉ. विजय भटकर को नालंदा विश्वविद्यालय का नया कुलपति बनाया गया है। वे इस विश्वविद्यालय के तीसरे कुलपति हैं। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा डॉ. भटकर की नियुक्ति को मंजूरी दी गयी। उनका कार्यकाल 25 जनवरी, 2017 से तीन वर्ष तक का है।
डॉ भटकर 1987 में पुणे स्थित सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ एडवांस्ड कम्प्यूटिंग (सी-डैक) में सुपर-कंप्यूटर बनाने की परियोजना का नेतृत्व कर चुके हैं। इसके तहत भारत के पहले सुपर कम्प्यूटर परम 8000 और परम 10000 बनाए गए थे

