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Antonio Guterres Birthday संयुक्त राष्ट्र संघ के नौवें महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के जन्मदिन पर जानें इनका जीवन परिचय

एंटोनियो गुटेरेस (अंग्रेज़ी: Antonio Guterres, 30 अप्रैल, 1949, लिस्बन, पुर्तग़ाल) संयुक्त राष्ट्र संघ के नौवें महासचिव हैं। वे 1995 से 2000 तक पुर्तग़ाल के प्रधानमंत्री रहे थे। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जब उन्हें मतदान में स्पष्ट बहुमत....
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विश्व न्यूज डेस्क !! एंटोनियो गुटेरेस (अंग्रेज़ी: Antonio Guterres, 30 अप्रैल, 1949, लिस्बन, पुर्तग़ाल) संयुक्त राष्ट्र संघ के नौवें महासचिव हैं। वे 1995 से 2000 तक पुर्तग़ाल के प्रधानमंत्री रहे थे। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जब उन्हें मतदान में स्पष्ट बहुमत मिला, उसके बाद ही उन्हें संयुक्त राष्ट्र महासचिव घोषित कर दिया गया।

  • एंटोनियो गुटेरेस पुर्तग़ाल के प्रसिद्ध कूटनीतिज्ञ और राजनीतिज्ञ हैं।
  • उनका जन्म पुर्तग़ाल की राजधानी लिस्बन में 30 अप्रैल, 1949 को हुआ था।
  • प्रेस्टिजियस लिसउ डे कैमोएस नाम के माध्यमिक विद्यालय में एंटोनियो गुटेरेस की प्रारंभिक शिक्षा हुई।
  • वर्ष 1971 में उन्होंने लिस्बन विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद सहायक प्रोफेसर के रूप में शिक्षण कार्य शुरू कर दिया।
  • 1992 में एंटोनियो गुटेरेस सोशलिस्ट इंटरनेशनल के उपाध्यक्ष नियुक्त हुए।
  • वे 1995 से 2000 तक पुर्तग़ाल के प्रधानमंत्री रहे।
  • 6 अक्टूबर, 2016 को एंटोनियो गुटेरेस संयुक्त राष्ट्र संघ के 9वें महासचिव नियुक्त किये गये। उन्होंने 12 दिसम्बर, 2016 को महासचिव पद की शपथ ग्रहण की और 1 जनवरी, 2017 से उनका कार्यकाल प्रभावी हुआ।
  • संयुक्त राष्ट्र महासचिव का चयन करने के लिए परिषद में हुए सभी छह अनौपचारिक मतदानों में गुटेरेस सबसे आगे रहे थे। वह ऐसे समय आगे रहे, जब संयुक्त राष्ट्र के कई सदस्य देश और नागरिक समाज संगठन विश्व निकाय का मुखिया किसी महिला को चुनने की मांग उठा रहे थे। संयुक्त राष्ट्र के 71 साल के इतिहास में इसके सभी प्रमुख पुरुष ही रहे हैं।
  • बान की मून ने उन्हें महासचिव पद के लिए 'एक शानदार विकल्प' करार दिया था। बान ने संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के प्रमुख के रूप में गुटेरेस के कार्यकाल का संदर्भ देते हुए कहा था कि- "महासचिव-निर्वाचित गुटेरेस को हम सभी अच्छी तरह जानते हैं, लेकिन वह शायद सर्वश्रेष्ठ रूप में वहाँ जाने जाते हैं, जहाँ इसका सर्वाधिक महत्व हो।"

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