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'स्वच्छ भारत मिशन' ने बदली महिलाओं की जिंदगी : ईएसी सदस्य

नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की प्रमुख योजनाओं में से एक 'स्वच्छ भारत मिशन' (एसबीएम) देश को स्वच्छ, हरित और स्वस्थ बनाने में मील का पत्थर साबित हो रहा है। कई जाने-माने विशेषज्ञ और पत्र-पत्रिकाएं इसकी आश्चर्यजनक सफलता के कारणों का पता लगाने के लिए लगातार अध्ययन कर रही हैं।
'स्वच्छ भारत मिशन' ने बदली महिलाओं की जिंदगी : ईएसी सदस्य

नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की प्रमुख योजनाओं में से एक 'स्वच्छ भारत मिशन' (एसबीएम) देश को स्वच्छ, हरित और स्वस्थ बनाने में मील का पत्थर साबित हो रहा है। कई जाने-माने विशेषज्ञ और पत्र-पत्रिकाएं इसकी आश्चर्यजनक सफलता के कारणों का पता लगाने के लिए लगातार अध्ययन कर रही हैं।

देश के प्रमुख अर्थशास्त्री और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी) की सदस्य शमिका रवि ने स्वच्छ भारत मिशन की सफलता पर बात की। उन्हें बताया कि स्वच्छ भारत मिशन लोगों और पूरे देश के जीवन स्तर में किस तरह से बदलाव ला रहा है।

शमिका रवि ने बताया, "साल 2014 में जब स्वच्छ भारत मिशन शुरू किया गया था, तब भारत में खुले में शौच की दर दुनिया में सबसे अधिक थी। उस समय वैश्विक औसत केवल 12 फीसदी था, जबकि भारत में खुले में शौच की दर वैश्विक औसत से तीन गुना यानी 40 फीसदी थी।"

उन्होंने कहा कि देश में दशकों से खुले में शौच एक प्रमुख स्वास्थ्य चिंता रही है। लेकिन 2014 में पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद ही इस पर ध्यान दिया गया।

उन्होंने आगे कहा, "कई अध्ययनों से पता चला है कि शौचालय बनाने और खुले में शौच मुक्त क्षेत्र विकसित करने से समाज को काफी लाभ हुआ है। इसमें शिशु मृत्यु दर पर काफी हद तक अंकुश लगना भी शामिल है।"

शमिका रवि ने कहा, "साल 2014 के बाद शौचालय के माध्यम से सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य और सम्मान को बहाल करने की एक मुहिम चलाई गई। पिछले 10 साल के आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि स्वच्छ भारत मिशन सबसे बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य पहल है।"

ईएसी की सदस्य शमिका रवि ने कुछ अध्ययनों का हवाला देते हुए कहा कि कई अंतर्राष्ट्रीय निकायों और पत्रिकाओं ने स्वच्छता अभियान के तहत की गई पहलों की सराहना की है।

उन्होंने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान पत्रिका ने ‘नेचर’ अपने अध्ययन में पाया कि 'स्वच्छ भारत अभियान' के कारण 60-70 हजार से अधिक शिशुओं की मौत रोकी गई है। डब्ल्यूएचओ ने खुद कहा है कि स्वच्छ भारत मिशन ने 2.5 लाख से अधिक मौतों को रोकने में मदद की है।"

शमिका रवि ने कहा कि महिलाएं सुबह के समय सबसे अधिक असुरक्षित होती हैं, जब वे अकेले या एक समूह में शौच के लिए खेतों में जाती हैं। सबसे अधिक हमले और बलात्कार के मामले इसी दौरान सामने आते हैं। शौचालय निर्माण के कारण बलात्कार और हमले के मामलों में 14 फीसदी की कमी आई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2014 में 'स्वच्छ भारत मिशन' शुरू किया था। पिछले 10 साल में इसके तहत 12 करोड़ से अधिक शौचालय बनाए गए हैं, जो सफलता की कहानी को बयां कर रहा है।

--आईएएनएस

एफएम/एकेजे

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