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शासन पावर प्रोजेक्ट पर हिमाचल का अधिकार, पंजाब को नहीं दिया जाएगा : मुकेश अग्निहोत्री

मंडी, 15 अप्रैल (आईएएनएस)। हिमाचल दिवस के मौके पर मंगलवार को उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मंडी में एक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि शासन पावर प्रोजेक्ट पर हिमाचल का अधिकार है। इसे पंजाब को नहीं दिया जाएगा।

मंडी, 15 अप्रैल (आईएएनएस)। हिमाचल दिवस के मौके पर मंगलवार को उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मंडी में एक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि शासन पावर प्रोजेक्ट पर हिमाचल का अधिकार है। इसे पंजाब को नहीं दिया जाएगा।

मंडी में हिमाचल दिवस के उपलक्ष में आयोजित एक जिला स्तरीय समारोह को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा, "शासन पावर प्रोजेक्ट प्रोजेक्ट को किसी भी सूरत में पंजाब को नहीं दिया जाएगा। मार्च 2024 में इस प्रोजेक्ट की 99 वर्षों की लीज अवधि समाप्त हो चुकी है और अब इस प्रोजेक्ट को पंजाब को हिमाचल को सौंपना ही होगा। यह पंजाब पुनर्गठन के दौरान संपत्ति के बंटवारे का मामला नहीं है, क्योंकि मंडी कभी भी पंजाब का हिस्सा नहीं रहा है।"

उन्होंने पंजाब के सीएम और वहां की सरकार से आग्रह करते हुए कहा, "अगर वे हिमाचल को अपना भाई मानते हैं तो इस प्रोजेक्ट को वापस लौटा दें। प्रदेश सरकार इस मामले में एक इंच भी पीछे हटने वाली नहीं है।"

उन्होंने कहा, "इस प्रोजेक्ट पर हरियाणा ने भी अपना हक जताया था जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने न्यायालय के समक्ष इस बात का दावा किया है कि इस प्रोजेक्ट पर पूरी तरह से हिमाचल का अधिकार है और यह पंजाब पुनर्गठन का मामला नहीं है। पंजाब पुनर्गठन का मामला अलग है और उस मामले को भी प्रदेश सरकार अदालत से वर्ष 2011 में जीत चुकी है। उसका 3,000 करोड़ रुपए का क्लेम लेना अभी बाकी है लेकिन 13 साल बाद भी यह क्लेम नहीं दिया जा रहा है।"

उपमुख्यमंत्री ने कहा, "हिमाचल प्रदेश को प्रकृति ने दिल खोलकर दिया है। यहां की नदियां पूरे देश की प्यास बुझाती हैं। यहां का पर्यावरण पूरे देश को स्वच्छ वातावरण देता है। प्रदेश में पेड़ों को नहीं काटा जाता, ताकि यहां की स्वच्छ आबोहवा बरकरार रहे। लेकिन इसके बदले में प्रदेश को केंद्र से जो मदद मिलनी चाहिए वह नहीं मिल रही है। आपदा के दौर में भी प्रदेश को केंद्र से कोई मदद नहीं मिलती, जो न्यायोचित नहीं है।"

--आईएएनएस

एससीएच/सीबीटी

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