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रसायन विज्ञान के जनक, आचार्य प्रफुल्ल चन्द्र राय ने दुनिया में रोशन किया भारत का नाम

नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)। आचार्य प्रफुल्ल चन्द्र राय भारत में रसायन विज्ञान के जनक माने जाते हैं। 2 अगस्त 1861 को प्रफुल्ल चंद्र राय का जन्म बंगाल के रारुली में हुआ था।
रसायन विज्ञान के जनक, आचार्य प्रफुल्ल चन्द्र राय ने दुनिया में रोशन किया भारत का नाम

नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)। आचार्य प्रफुल्ल चन्द्र राय भारत में रसायन विज्ञान के जनक माने जाते हैं। 2 अगस्त 1861 को प्रफुल्ल चंद्र राय का जन्म बंगाल के रारुली में हुआ था।

उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूल में ही हुई थी। 10 साल की उम्र में पढ़ाई के लिए उनके माता-पिता ने उन्हें कोलकाता भेज दिया था। हालांकि बीमारी के चलते उन्हें वापस अपने गांव लौटना पड़ा था।

प्रफुल्ल चंद्र राय एडिनबरा विश्वविद्यालय में पढ़ाई करना चाहते थे, जो विज्ञान विषय की पढ़ाई के लिए काफी प्रसिद्ध था। साल 1885 में उन्होंने पी.एच.डी का शोध कार्य पूरा किया था। ताम्र और मैग्नीशियम समूह के 'कॉन्जुगेटेड' सल्फेटों' के विषय पर उन्होंने गहन अध्ययन किया और काफी काम भी किया था। उनके कार्यों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए एडिनबरा विश्वविद्यालय ने उन्हें डी.एस.सी की उपाधि प्रदान की थी।

जानकारी के अनुसार भारत लौटने के बाद अगस्त 1888 से जून 1889 के बीच लगभग एक साल तक डॉ. राय के पास कोई नौकरी नहीं थी। इस दौरान उन्होंने अपना समय कोलकाता में व्यतीत किया था। इस दौरान उन्होंने रसायन विज्ञान और वनस्पति विज्ञान की पुस्तकों का गहन अध्ययन किया। उन्होंने रॉक्सबर्ग की 'फ्लोरा इंडिका' और हॉकर की 'जेनेरा प्लाण्टेरम' की मदद से कई पेड़-पौधों की प्रजातियों को पहचाना और उसे संग्रहित किया था।

प्रफुल्ल चंद्र राय ने अपने जीवन में कई बड़ी उपलब्धि अपने नाम की थी। लेकिन विज्ञान के क्षेत्र में उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि 1896 में मर्क्यूरस नाइट्राइट की खोज मानी जाती है। उनकी इस सफलता से रसायन विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति हुई और उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली। उन्होंने 1893 में बंगाल केमिकल एंड फॉर्मास्युटिकल वर्क्स की स्थापना की, जो आगे चलकर वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार का केंद्र बन गया।

प्रफुल्ल चंद्र राय ने रसायन विज्ञान पर कई पुस्तकें भी लिखी है। रसायन विज्ञान के क्षेत्र में उनके असीम योगदान के लिए 1917 में उन्हें 'कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ़ द इंडियन से भी नवाजा गया था। प्रफुल्ल चंद्र भारत ही नहीं, बल्कि विश्व के लिए प्रेरणास्रोत हैं। विज्ञान के क्षेत्र में उनकी महान उपलब्धि शोधकर्ताओं को हमेशा प्रेरित करती रहेगी।

---आईएएनएस

एसएम/जीकेटी

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