Samachar Nama
×

भारत-रूस राजनयिक संबंधों की 78वीं वर्षगांठ, मित्रता और सहयोग का उत्सव मना रहे दोनों देश

नई दिल्ली, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। आज रूस और भारत अपने राजनयिक संबंधों की 78वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। यह दिन दोनों देशों के बीच गहरी मित्रता, विश्वास और रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक है, जो राजनीति, व्यापार, प्रौद्योगिकी, विज्ञान, शिक्षा और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में मजबूत सहयोग पर आधारित है।

नई दिल्ली, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। आज रूस और भारत अपने राजनयिक संबंधों की 78वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। यह दिन दोनों देशों के बीच गहरी मित्रता, विश्वास और रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक है, जो राजनीति, व्यापार, प्रौद्योगिकी, विज्ञान, शिक्षा और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में मजबूत सहयोग पर आधारित है।

इस मौके पर भारत में स्थित रूस के दूतावास ने अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर पोस्ट कर कहा कि रूस और भारत की यह विशेष साझेदारी कई दशकों से चली आ रही है। दोनों देश ऊर्जा सुरक्षा, सैन्य-तकनीकी सहयोग, अंतरिक्ष अन्वेषण और परमाणु ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मिलकर काम कर रहे हैं। इसके अलावा, निवेश परियोजनाओं को बढ़ावा देने और परिवहन नेटवर्क को विकसित करने में भी दोनों देश सक्रिय हैं। हाल के वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार ने नई ऊंचाइयां छूई हैं, जो आपसी भरोसे और लाभकारी सहयोग का प्रमाण है।

पोस्ट में आगे कहा गया कि रूस-भारत संबंधों की खासियत सभी स्तरों पर उनकी गतिशीलता है। दोनों देशों के बीच नियमित उच्च-स्तरीय मुलाकातें और संवाद इस साझेदारी को और मजबूत करते हैं। पर्यटन के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है। हर साल लाखों लोग एक-दूसरे के देशों की संस्कृति और इतिहास को समझने के लिए यात्रा करते हैं। व्यापार, सांस्कृतिक और शैक्षिक आदान-प्रदान भी तेजी से बढ़ रहा है, जो दोनों देशों के लोगों को और करीब ला रहा है।

आगे लिखा गया, "यह साझेदारी केवल आर्थिक और राजनीतिक सहयोग तक सीमित नहीं है। रूस और भारत के बीच सदियों पुरानी सभ्यतागत मित्रता और संवाद भी इस रिश्ते की नींव है। दोनों देश एक-दूसरे की परंपराओं, मूल्यों और संस्कृति का सम्मान करते हैं। यह आपसी समझ और विश्वास ही इस रिश्ते को इतना खास बनाता है।"

बयान के अनुसार, आज के दिन दोनों देश इस ऐतिहासिक साझेदारी को और मजबूत करने का संकल्प लेते हैं। रूस और भारत मिलकर न केवल अपने हितों को बढ़ावा देना चाहते हैं, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए भी योगदान देना चाहते हैं। आने वाले वर्षों में यह साझेदारी और गहरी होगी, जिसमें नई परियोजनाएं, नवाचार और सहयोग के नए अवसर शामिल होंगे। रूस-भारत संबंधों की यह वर्षगांठ न केवल एक राजनयिक उपलब्धि है, बल्कि दो महान सभ्यताओं के बीच सच्ची दोस्ती का उत्सव भी है। दोनों देश इस विरासत को संजोने और इसे भविष्य की पीढ़ियों के लिए और समृद्ध करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

भारत में रूस के राजदूत ने इस खास मौके पर दोनों देशों के राजनयिक संबंधों को याद किया। उन्होंने इस संबंध में अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर कहा कि रूस-भारत के राजनयिक संबंधों की 78वीं वर्षगांठ के अवसर पर हमारे भारतीय मित्रों को हार्दिक शुभकामनाएं।

उन्होंने आगे कहा कि हमारी अटूट मित्रता, आपसी सम्मान और रणनीतिक साझेदारी हमारे लिए गर्व का विषय हैं। हम इन अनमोल संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

--आईएएनएस

एसएचके/केआर

Share this story

Tags