सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली की जमानत याचिका पर आज सुनवाई, पिता ने गिरफ्तारी को लेकर पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

सोशल मीडिया पर सक्रिय और एक जाना-पहचाना नाम बन चुकी शर्मिष्ठा पनोली इन दिनों विवादों के घेरे में हैं। ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े एक वीडियो में कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में उन्हें कोलकाता पुलिस ने गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था। अब इस केस में उनकी जमानत याचिका पर कलकत्ता हाईकोर्ट में आज सुनवाई होनी है। इस बीच शर्मिष्ठा के पिता पृथ्वीराज पनोली ने पहली बार चुप्पी तोड़ी है और मीडिया के सामने कई गंभीर बातें रखी हैं।
पिता ने तोड़ी चुप्पी, पुलिस के दावों को बताया झूठा
आजतक से खास बातचीत में शर्मिष्ठा के पिता ने बताया कि वे कोलकाता पुलिस के निरंतर संपर्क में थे और उनकी गिरफ्तारी से पहले भी वे पुलिस अधिकारियों के साथ बैठे हुए थे। बावजूद इसके, पुलिस ने यह दावा किया कि पनोली परिवार गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार है। उन्होंने कहा, "जिस दिन पुलिस अदालत से गिरफ्तारी वारंट लेने गई, मैं खुद पुलिस के साथ था। ऐसे में यह कहना कि हमारा परिवार फरार है, सरासर झूठ है।"
बेटी को मिली थीं रेप और मर्डर की धमकियां
पृथ्वीराज पनोली ने एक और चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि उनकी बेटी को सोशल मीडिया पर रेप और हत्या की धमकियां मिल रही थीं। उन्होंने इस सिलसिले में कोलकाता पुलिस से सुरक्षा की गुहार भी लगाई थी, लेकिन उनकी बातों को नजरअंदाज कर दिया गया। "हमने पुलिस से मदद मांगी थी, लेकिन उल्टा हमें ही फरार बता दिया गया। मेरी बेटी डर के साये में थी।"
क्या है पूरा मामला?
22 वर्षीय लॉ स्टूडेंट और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली ने ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े एक वीडियो में कुछ भारतीय अभिनेताओं की आलोचना की थी, जिन्होंने इस सैन्य अभियान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। उस वीडियो में कथित रूप से अपमानजनक भाषा और अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया गया था। यह वीडियो वायरल होने के बाद मामला और गंभीर हो गया। शर्मिष्ठा ने एक यूजर के कमेंट पर जवाब देते हुए भारत की सैन्य कार्रवाई को लेकर साफ शब्दों में अपनी राय रखी थी। हालांकि बाद में उन्होंने वीडियो डिलीट कर बिना शर्त माफी भी मांगी, लेकिन तब तक मामला तूल पकड़ चुका था।
AIMIM नेता वारिस पठान ने की थी गिरफ्तारी की मांग
मामला उस वक्त और गंभीर हो गया जब AIMIM के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने वीडियो को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर शेयर किया। उन्होंने शर्मिष्ठा पनोली पर इस्लाम का अपमान करने और सांप्रदायिक तनाव भड़काने का आरोप लगाया। इसके साथ ही उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को टैग करते हुए गिरफ्तारी की मांग भी की। वारिस पठान के ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर भारी बवाल मचा और राजनीतिक दलों और धार्मिक संगठनों की प्रतिक्रियाएं सामने आने लगीं। मामले ने राजनीतिक रंग भी लेना शुरू कर दिया।
सोशल मीडिया पर दो गुटों में बंटे लोग
शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर दो धड़े बन गए हैं—
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एक पक्ष उन्हें "हिंदुत्व की आवाज़" बताते हुए समर्थन कर रहा है,
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जबकि दूसरा पक्ष उनकी टिप्पणियों को सांप्रदायिक और भड़काऊ बता रहा है।
इस विवाद ने न केवल शर्मिष्ठा की लोकप्रियता को चुनौती दी है, बल्कि यह सोशल मीडिया की स्वतंत्रता और जिम्मेदारी पर भी नई बहस छेड़ दी है।
कोर्ट से राहत की उम्मीद
अब कलकत्ता हाईकोर्ट में आज होने वाली सुनवाई पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। शर्मिष्ठा के वकील का कहना है कि उनकी मकसद अपमान करने का नहीं था, बल्कि यह एक भावनात्मक प्रतिक्रिया थी जिसे गलत समझा गया। वहीं, राज्य सरकार और कोलकाता पुलिस इस मामले में कठोर रुख अपनाए हुए हैं।
निष्कर्ष: मामला सिर्फ कानूनी नहीं, सामाजिक और राजनीतिक भी
शर्मिष्ठा पनोली का मामला अब एक कानूनी लड़ाई से आगे बढ़कर सामाजिक और राजनीतिक मुद्दा बन गया है। जहां एक ओर यह मामला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम सामुदायिक जिम्मेदारी की बहस को जन्म दे रहा है, वहीं दूसरी ओर यह सोशल मीडिया पर नफरत और असुरक्षा के माहौल को भी उजागर कर रहा है। आज की सुनवाई के बाद यह तय होगा कि शर्मिष्ठा को जमानत मिलती है या नहीं, लेकिन यह स्पष्ट है कि यह मामला अभी जल्द खत्म नहीं होने वाला। जनता, सोशल मीडिया यूजर्स, राजनीतिक विश्लेषकों और कानूनी जानकारों की नजरें अब अदालत के फैसले पर टिकी हुई हैं।