पश्चिम बंगाल में SIR को लेकर सियासी हंगामा, ममता बनर्जी ने केंद्र और बीजेपी पर साधा निशाना
पश्चिम बंगाल में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर सियासी तनाव चरम पर पहुँच गया है। चुनाव आयोग की ओर से राज्य में SIR की प्रक्रिया शुरू होते ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई में सरकार सड़कों पर उतर गई और विरोध प्रदर्शन किया। कोलकाता में आयोजित विरोध मार्च में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। मार्च के दौरान ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि SIR के नाम पर राज्य में मतदाता सूची में राजनीतिक हस्तक्षेप और दबाव बढ़ सकता है। ममता ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार इस प्रक्रिया का इस्तेमाल पश्चिम बंगाल की जनता और लोकतंत्र पर नियंत्रण के लिए कर रही है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने SIR प्रक्रिया को मतदाता सूची को अपडेट करने और नई नियुक्तियों की समीक्षा करने के लिए लागू किया है। चुनाव आयोग का कहना है कि यह कदम निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। इसके तहत मतदाता सूची में संशोधन, नए मतदाताओं की प्रविष्टि और पुरानी प्रविष्टियों की समीक्षा शामिल है।
हालांकि ममता बनर्जी और उनकी पार्टी टीएमसी का कहना है कि इस प्रक्रिया के माध्यम से राजनीतिक दबाव और विपक्ष पर नियंत्रण स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाएं और लोकतंत्र की रक्षा करें। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पश्चिम बंगाल में SIR को लेकर जारी यह विवाद विधानसभा चुनाव से पहले सियासी गर्माहट को और बढ़ा सकता है। टीएमसी और बीजेपी दोनों ही इस मुद्दे को अपने चुनावी रणनीति का हिस्सा बना रही हैं।
विरोध प्रदर्शन के दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल की जनता किसी भी प्रकार के दबाव और राजनीतिक दखल को स्वीकार नहीं करेगी। उन्होंने केंद्र सरकार से SIR प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाने और राज्य सरकार के साथ समन्वय करने की मांग की। इस बीच चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि SIR प्रक्रिया कानूनी और संवैधानिक प्रक्रिया का हिस्सा है और इसे पूरी पारदर्शिता के साथ लागू किया जाएगा। आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से शांति बनाए रखने और कानून का पालन करने का अनुरोध किया है।
पश्चिम बंगाल में SIR को लेकर जारी यह सियासी संघर्ष आने वाले समय में राज्य की चुनावी रणनीति और मतदाता मनोवृत्ति पर महत्वपूर्ण असर डाल सकता है। विरोध और counter-प्रक्रियाओं के बीच राज्य की सियासत और अधिक गर्मा गई है, और आगामी दिनों में इस मामले पर राजनीतिक बयानबाज़ी और प्रदर्शन जारी रहने की संभावना है।

