सौर बाड़ लगाने का काम समय पर पूरा न करने वाली कंपनियों पर जुर्माना लगाया जाए

राजस्व एवं बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि यदि हिमाचल प्रदेश उपोष्ण बागवानी, सिंचाई एवं मूल्य संवर्धन (एचपी शिवा) परियोजना में लगी कम्पनियां समय पर सौर बाड़ लगाने तथा खेत तैयार करने का कार्य पूरा करने में विफल रहती हैं तो उन्हें दंडित किया जाए। नेगी ने यहां एचपी शिवा परियोजना की संचालन परिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए डॉ. यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी से कहा कि वे किसानों को बेर तथा जापानी फल (पर्सिममन) के उच्च गुणवत्ता वाले पौधे उपलब्ध कराएं। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को टेंडर के माध्यम से ब्रांडेड कम्पनियों के जल में घुलनशील पोषक तत्व तथा कीटनाशक खरीदने तथा एचपीएमसी के सहयोग से उच्च तकनीक वाले स्प्रे किट, पंप तथा अन्य उपकरण खरीदने के भी निर्देश दिए। मंत्री ने कहा कि एचपी शिवा परियोजना राज्य के सात जिलों में 163 मिलियन डॉलर (1,292 करोड़ रुपये) की लागत से क्रियान्वित की जा रही है तथा इस पर अब तक 190 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि 4000 हेक्टेयर भूमि पर सोलर फेंसिंग का प्रस्ताव है तथा जून तक 2750 हेक्टेयर भूमि पर कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि अब तक 828 हेक्टेयर भूमि पर सोलर फेंसिंग का कार्य पूर्ण हो चुका है।
नेगी ने कहा कि किसानों को केवल ‘ट्रू-टू-टाइप’ पौधे ही दिए जाएं, जिनकी गुणवत्ता की जांच नेरी स्थित आणविक प्रयोगशाला में की गई हो। उन्होंने बताया कि खेतों से लिए गए नमूनों की जांच की गई है तथा सात-आठ दिनों में रिपोर्ट उपलब्ध कराई गई है।
उन्होंने बताया कि नौणी विश्वविद्यालय फरवरी 2026 तक 40-40 हजार प्लम तथा परसिमन के पौधे तथा 2027 तक एक-एक लाख पौधे उपलब्ध कराएगा। बैठक में निदेशक (बागवानी) विनय कुमार, निदेशक (कृषि) कुमुद सिंह तथा एचपीएमसी के प्रबंध निदेशक सुदेश मोख्ता भी उपस्थित थे।