हिमाचल प्रदेश स्थित खुंब अनुसंधान केंद्र, सोलन ने मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। केंद्र के वैज्ञानिकों ने शिटाके मशरूम की एक नई प्रजाति "डीएमआरओ शिटाके-330" विकसित की है, जो न केवल दुगनी उपज देने में सक्षम है, बल्कि इसके औषधीय गुण भी अत्यधिक प्रभावशाली बताए जा रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह नई किस्म कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को नियंत्रित करने में भी सहायक हो सकती है।
45 दिन में तैयार, साइज और गुणवत्ता में बेहतर
शिटाके-330 की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह परंपरागत शिटाके मशरूम की तुलना में दो गुना अधिक फसल देती है। इसकी फ्रूट बॉडी मोटी और बड़ी होती है, जिससे उत्पादक को अधिक उत्पादन मिल सकता है। इसके अलावा, यह मशरूम महज 45 दिनों में तैयार हो जाती है, जबकि पारंपरिक किस्मों को इसमें अधिक समय लगता है।
स्वाद में कड़वाहट, पर स्वास्थ्य के लिए वरदान
इस किस्म का स्वाद भले ही थोड़ा कड़वा हो, लेकिन इसका उपयोग कई स्वास्थ्य उत्पादों में किया जा रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार, डीएमआरओ शिटाके-330 का उपयोग कॉफी, कैप्सूल और स्वास्थ्य सप्लीमेंट्स में हो रहा है। इसका कड़वापन ही इसमें मौजूद औषधीय तत्वों की उपस्थिति का संकेत देता है।
औषधीय गुण: कैंसर नियंत्रण में भूमिका
अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों का दावा है कि इस प्रजाति में ऐसे जैव सक्रिय तत्व पाए गए हैं, जो कैंसर की कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने में सहायक हैं। इसके अलावा, यह प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने, कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने और रक्तचाप को संतुलित बनाए रखने में भी उपयोगी है।
किसानों के लिए नई उम्मीद
शिटाके-330 की यह नई किस्म खासतौर पर पहाड़ी क्षेत्रों के किसानों के लिए लाभकारी साबित हो सकती है। कम समय में अधिक उत्पादन और बाजार में औषधीय उपयोग के चलते इसकी मांग तेजी से बढ़ सकती है। इससे न केवल कृषि आय में वृद्धि होगी, बल्कि स्वास्थ्य क्षेत्र में भी इसके प्रयोग का विस्तार होगा।
वैज्ञानिकों की सलाह
खुंब अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि वे इस किस्म की खेती के लिए केंद्र से तकनीकी मार्गदर्शन लें। उचित तापमान, नमी और वातावरण के अनुसार उत्पादन तकनीक अपनाकर बेहतर और सुरक्षित फसल प्राप्त की जा सकती है।
इस खोज से यह स्पष्ट है कि भारत में जैव प्रौद्योगिकी और कृषि अनुसंधान का स्तर लगातार ऊंचाई पर पहुंच रहा है, और यह नवाचार आने वाले समय में न केवल किसानों के जीवन को बेहतर बनाएगा, बल्कि स्वास्थ्य क्षेत्र में भी क्रांति ला सकता है।

