Samachar Nama
×

Hemkund and Lokpal's doors: 11 अक्टूबर को बंद होंगे हेमकुंड व लोकपाल के कपाट, इस वर्ष 1.75 लाख श्रद्धालुओं ने दरबार में टेका मत्था

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा अपने चरम पर है। इस बार की चारधाम यात्रा ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। अभी तक 47 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने चारधाम के दर्शन कर लिए हैं। इसी बीच सिक्खों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब के कपाट....
Hemkund and Lokpal's doors: 11 अक्टूबर को बंद होंगे हेमकुंड व लोकपाल के कपाट, इस वर्ष 1.75 लाख श्रद्धालुओं ने दरबार में टेका मत्था

उत्तराखंड न्यूज डेस्क !!! उत्तराखंड में चारधाम यात्रा अपने चरम पर है। इस बार की चारधाम यात्रा ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। अभी तक 47 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने चारधाम के दर्शन कर लिए हैं। इसी बीच सिक्खों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब के कपाट बंद करने की तिथि का ऐलान कर दिया गया है।  इस साल 11 अक्टूबर की दोपहर एक बजे हेमकुंड साहिब के कपाट पूरे विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि 11 अक्टूबर को दोपहर एक बजे हेमकुंड साहिब के कपाट विधि विधान से बंद कर दिए जाएंगे।

हेमकुंड साहिब के साथ लोकपाल लक्ष्मण सिद्ध मंदिर के कपाट भी बंद किए जाएंगे। जिसके लिए यात्रा बेस कैंप गोविंदघाट में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी ने उम्मीद जताई है कि कपाट बंद होने तक श्रद्धालुओं का आंकड़ा दो लाख पार कर जाएगा। दोनों धाम के कपाट 11 अक्टूबर को दोपहर डेढ़ बजे बंद किए जाने हैं। कपाटबंदी के मौके पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) का भी हेमकुंड साहिब पहुंचने का कार्यक्रम है। श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने गोविंदघाट में यह जानकारी दी।

इस वर्ष 1.75 तीर्थ यात्रियों ने टेका दरबार में मत्था

बिंद्रा ने बताया कि कपाटबंदी का साक्षी बनने के लिए पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ व दिल्ली से तीर्थयात्री बड़ी संख्या में गोविंदघाट और घांघरिया पहुंचने लगे हैं। इस वर्ष अब तक 1.75 लाख तीर्थयात्री दरबार साहिब में मत्था टेक चुके हैं।

सुबह दस बजे से कपाट बंद करने की प्रक्रिया होगी शुरू

बिंद्रा ने बताया कि 11 अक्टूबर को धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया सुबह दस बजे से शुरू होगी। सुखमणि साहिब पाठ के बाद 11:15 बजे सबद-कीर्तन होंगे और इसके करीब सवा घंटे बाद इस साल की अंतिम अरदास पढ़ी जाएगी।

--आईएएनएस

स्मिता

Share this story