उत्तराखंड में भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित, केदारनाथ यात्रा बाधित, कई क्षेत्रों में जलभराव
उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। पर्वतीय क्षेत्रों में तेज बारिश के चलते कई सड़कें बंद हो गई हैं, वहीं नदियों और नालों के उफान पर आने से आसपास के इलाकों में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है। सबसे ज्यादा असर श्रीनगर गढ़वाल और केदारनाथ यात्रा मार्ग पर देखने को मिल रहा है, जहां घरों में पानी घुसने और तीर्थयात्रा बाधित होने की खबरें सामने आई हैं।
राज्य के श्रीनगर गढ़वाल क्षेत्र में भारी बारिश के कारण कई घरों के अंदर पानी घुस गया, जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य के लिए टीमें तैनात कर दी हैं। कई स्थानों पर लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर जाने को मजबूर हो गए हैं।
वहीं, केदारनाथ यात्रा मार्ग पर भी बारिश का कहर जारी है। भूस्खलन और सड़कें क्षतिग्रस्त होने के कारण यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे मौसम साफ होने तक यात्रा स्थगित रखें और सुरक्षित स्थानों पर ठहरें।
मौसम विभाग ने पहले ही चेतावनी दी थी कि उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में तेज बारिश हो सकती है। अब विभाग ने देहरादून, चम्पावत और नैनीताल जिलों के कुछ हिस्सों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। इन क्षेत्रों में अगले 24 से 48 घंटों के दौरान मूसलधार बारिश की संभावना जताई गई है। इसके अलावा अन्य जिलों में भी भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका व्यक्त की गई है।
मौसम विभाग के अनुसार, तेज बारिश का दौर अभी कुछ दिन और जारी रह सकता है, जिससे नदी-नालों के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है। भूस्खलन, सड़क धंसने और पेड़ों के गिरने जैसी घटनाओं की आशंका को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग (SDRF) ने संवेदनशील इलाकों में टीमें तैनात कर दी हैं और स्थानीय प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखा गया है। पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा कर रहे लोगों से अपील की गई है कि वे मौसम की जानकारी के अनुसार ही आगे बढ़ें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
प्रदेश सरकार ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे निचले इलाकों में निगरानी बढ़ाएं, प्रभावित लोगों को राहत शिविरों में स्थानांतरित करें और आपातकालीन सेवाओं को तत्पर रखें।
कुल मिलाकर, उत्तराखंड में मानसून की सक्रियता ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। लगातार हो रही बारिश से जहां एक ओर सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, वहीं दूसरी ओर पर्यटन और तीर्थयात्रा पर भी इसका गहरा असर पड़ रहा है।
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