हिमाचल में मुख्यमंत्री पर्यटन स्टार्टअप योजना, होम स्टे और पर्यटन इकाइयों को मिलेगा ऋण पर वित्तीय लाभ
राज्य सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने और स्वरोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से आतिथ्य क्षेत्र में मुख्यमंत्री पर्यटन स्टार्टअप योजना को मंजूरी दी है। यह योजना पर्यटन उद्योग में नए उद्यमियों और होम स्टे संचालकों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई है।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के तहत नई पर्यटन इकाइयां स्थापित करने और मौजूदा होम स्टे इकाइयों का विस्तार और स्तरोन्नत करने के लिए ऋण पर वित्तीय राहत प्रदान की जाएगी। योजना का उद्देश्य न केवल पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देना है, बल्कि ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी सृजित करना है।
प्रवक्ता ने बताया कि योजना के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में तीन प्रतिशत, ग्रामीण क्षेत्रों में चार प्रतिशत और जनजातीय क्षेत्रों में पांच प्रतिशत तक ब्याज सब्सिडी दी जाएगी। यह सुविधा अधिकतम तीन वर्षों की अवधि के लिए और दो करोड़ रुपये तक के ऋण पर उपलब्ध होगी। योजना का लाभ केवल बोनाफाइड हिमाचलियों को मिलेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि होम स्टे पर्यटकों के लिए महंगे होटलों के स्थान पर किफायती और सुरक्षित विकल्प प्रस्तुत करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में होम स्टे का विकल्प उपलब्ध कराने से पर्यटक लंबी अवधि तक उन क्षेत्रों में ठहरने के लिए आकर्षित होते हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा मिलता है।
योजना का उद्देश्य न केवल आर्थिक बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक विकास को भी मजबूत करना है। ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन इकाइयों के माध्यम से स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। प्रवक्ता ने बताया कि इस योजना के तहत प्रशिक्षण, मार्केटिंग और तकनीकी सहयोग भी प्रदान किया जाएगा, ताकि उद्यमी अपने व्यवसाय को सफलतापूर्वक चला सकें।
सरकार का मानना है कि होम स्टे और छोटे पर्यटन उद्यमों को बढ़ावा देने से राज्य के ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में पर्यटन स्थायी रूप से विकसित होगा। इससे न केवल पर्यटन उद्योग में निवेश बढ़ेगा, बल्कि स्थानीय लोगों की जीवनशैली और सांस्कृतिक विरासत भी संरक्षित रहेगी।
प्रदेश सरकार ने इस योजना को लॉन्च करते हुए कहा कि इसका लक्ष्य ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना, स्वरोजगार सृजित करना और राज्य की आर्थिक समृद्धि को बढ़ाना है। सरकार का यह कदम विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी साबित होगा, जो पर्यटन क्षेत्र में उद्यम शुरू करना चाहते हैं लेकिन वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण पीछे रह जाते हैं।

