सीबीएसई ने हिमाचल प्रदेश के लिए ऑनलाइन पोर्टल खोला, राज्य में कार्यालय खोलने पर भी हुई सहमति
हिमाचल प्रदेश में सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने संबद्धता देने के लिए ऑनलाइन पोर्टल फिर से खोला है। यह पोर्टल कुछ समय पहले बंद था, जिससे राज्य के स्कूल और शिक्षा संस्थान संबद्धता प्राप्त करने में असुविधा का सामना कर रहे थे।
मंगलवार को नई दिल्ली में हुई बैठक में हिमाचल प्रदेश सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा की गई और बोर्ड ने प्रदेश के लिए पोर्टल खोलने का निर्णय लिया। अधिकारियों के अनुसार, अब स्कूल और शिक्षा संस्थान सीबीएसई से ऑनलाइन संबद्धता के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिससे प्रक्रिया पहले से अधिक पारदर्शी और सुविधाजनक हो जाएगी।
साथ ही बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सीबीएसई हिमाचल प्रदेश में अपना कार्यालय खोलेगा। कार्यालय स्थापना के लिए जमीन का चयन भी कर लिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि यह कदम शिक्षा स्तर और बोर्ड से जुड़ी गतिविधियों को और मजबूत करने के उद्देश्य से लिया गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में सीबीएसई कार्यालय की स्थापना शिक्षा गुणवत्ता सुधारने और स्कूलों को बेहतर सहयोग देने में मदद करेगी। इससे न केवल ऑनलाइन संबद्धता की प्रक्रिया में तेजी आएगी, बल्कि बोर्ड परीक्षाओं और अन्य शैक्षणिक गतिविधियों का संचालन भी सुचारू होगा।
हिमाचल प्रदेश के शिक्षा अधिकारियों ने कहा कि राज्य में सीबीएसई स्कूलों की संख्या लगातार बढ़ रही है, और इसके चलते यह आवश्यक हो गया था कि बोर्ड की सुविधाएं और नजदीकी हों। ऑनलाइन पोर्टल खोलने और कार्यालय स्थापित करने से शिक्षा संस्थानों को मार्गदर्शन और तकनीकी सहायता मिलने में आसानी होगी।
स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों ने इस कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि इससे संबद्धता प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और स्कूलों को समय पर मंजूरी मिलने में मदद मिलेगी। साथ ही, यह छात्र-छात्राओं के लिए शिक्षा की गुणवत्ता और परीक्षा प्रक्रियाओं में सुधार का संकेत भी है।
सीबीएसई ने घोषणा की है कि ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अब संबद्धता आवेदन, दस्तावेज़ अपलोड और फीस भुगतान सभी कार्य डिजिटल रूप से किए जा सकते हैं। इससे समय की बचत होगी और प्रशासनिक बोझ कम होगा।
अंततः, हिमाचल प्रदेश में सीबीएसई पोर्टल और कार्यालय की स्थापना राज्य के शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे न केवल स्कूलों और शिक्षा संस्थानों को फायदा होगा, बल्कि राज्य के छात्रों को भी बेहतर शैक्षणिक सेवाएं और बोर्ड से जुड़े अवसर मिलेंगे।
यह निर्णय हिमाचल प्रदेश में सीबीएसई की पहुंच और शिक्षा गुणवत्ता को और मजबूत करने का संकेत देता है, और भविष्य में राज्य के शैक्षणिक मानकों को उन्नत करने में मदद करेगा।

