यूपी में धर्मांतरण पर योगी सरकार का सख्त रुख, संशोधित कानून में उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान
उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण रैकेट के खुलासे के बाद राज्य सरकार ने धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) अधिनियम 2024 को लागू कर दिया है, जिससे अब राज्य में धोखे, दबाव या प्रलोभन के जरिए कराए गए धर्मांतरण को गंभीर आपराधिक श्रेणी में रखा गया है।
📜 क्या है संशोधित कानून?
संशोधित अधिनियम के तहत:
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तथ्यों को छिपाकर, डराकर या धमकाकर धर्मांतरण कराना अपराध माना जाएगा।
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यदि यह सिद्ध हो जाता है कि धर्मांतरण बल, छल, प्रलोभन या झूठी पहचान के आधार पर किया गया है, तो दोषी को कड़ी सजा, यहां तक कि उम्रकैद तक दी जा सकती है।
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नाबालिग, महिलाओं, अनुसूचित जाति/जनजाति के व्यक्तियों के धर्मांतरण पर विशेष प्रावधान है, जिसमें 10 साल से अधिक की सजा हो सकती है।
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धर्मांतरण कराने वाले संगठनों, संस्थाओं या व्यक्तियों की संपत्ति जब्त करने तक की प्रक्रिया विधेयक में शामिल है।
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पीड़ित या परिजन, सहपाठी, या किसी भी सामाजिक संगठन को भी शिकायत करने का अधिकार दिया गया है।

