Samachar Nama
×

महिला का गर्भपात और परिवार की पिटाई, 20 पुलिसकर्मियों पर दर्ज होगा मुकदमा — कोर्ट का आदेश

महिला का गर्भपात और परिवार की पिटाई, 20 पुलिसकर्मियों पर दर्ज होगा मुकदमा — कोर्ट का आदेश

जिले के सरायलखंसी थाना क्षेत्र से पुलिस की बर्बरता का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आरोप है कि थाना क्षेत्र में तैनात पुलिसकर्मियों ने एक परिवार के घर में जबरन घुसकर उनके साथ मारपीट की, जिसमें एक गर्भवती महिला का गर्भपात हो गया। पीड़िता की शिकायत पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) ने 20 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।

क्या है मामला?

पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने बिना किसी वारंट के उनके घर में जबरदस्ती घुसकर मारपीट की। इस दौरान परिवार के पुरुषों के साथ ही महिलाओं को भी बेरहमी से पीटा गया। सबसे गंभीर आरोप यह है कि इस मारपीट के चलते एक गर्भवती महिला को गंभीर चोटें आईं, जिसके कारण उसका गर्भपात हो गया।

फर्जी मुकदमे में फंसाने का आरोप

पीड़ित परिवार ने यह भी आरोप लगाया है कि पुलिस ने न सिर्फ उनके साथ शारीरिक और मानसिक अत्याचार किया, बल्कि उन्हें फर्जी मुकदमों में फंसाने की भी कोशिश की गई। उनके मुताबिक, जब उन्होंने विरोध किया, तो पुलिस ने उन्हें धमकाया और गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी।

न्यायालय का हस्तक्षेप

पीड़िता की ओर से अदालत में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मामले को गंभीर मानते हुए सरायलखंसी थाने के 20 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि प्रथम दृष्टया पुलिस की कार्यशैली कानून और मानवाधिकार दोनों का उल्लंघन प्रतीत होती है।

पुलिस प्रशासन की चुप्पी

इस मामले पर अभी तक जिले के आला पुलिस अधिकारियों की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि, मामला तूल पकड़ने के बाद अब आंतरिक जांच की संभावना जताई जा रही है।

मानवाधिकार हनन का गंभीर मामला

यह मामला केवल पुलिसिया ज्यादती नहीं, बल्कि मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन का भी प्रतीक बनता जा रहा है। एक गर्भवती महिला के साथ इस तरह की हिंसा, ना केवल कानून की भावना के खिलाफ है, बल्कि समाजिक और नैतिक दृष्टिकोण से भी निंदनीय है।

Share this story

Tags