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प्रतिनिधिमंडल में कौन जाएगा, यह सरकार का नहीं बल्कि पार्टी का होना चाहिए फैसला : अभिषेक बनर्जी

केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न देशों में सांसदों के प्रतिनिधिमंडल भेजने के फैसले को लेकर राजनीतिक विवाद गहराता जा रहा है। कांग्रेस के बाद अब तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने भी इस निर्णय पर सवाल उठाए हैं। टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक....
प्रतिनिधिमंडल में कौन जाएगा, यह सरकार का नहीं बल्कि पार्टी का होना चाहिए फैसला : अभिषेक बनर्जी

केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न देशों में सांसदों के प्रतिनिधिमंडल भेजने के फैसले को लेकर राजनीतिक विवाद गहराता जा रहा है। कांग्रेस के बाद अब तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने भी इस निर्णय पर सवाल उठाए हैं। टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने साफ शब्दों में कहा कि किस पार्टी का कौन सांसद प्रतिनिधिमंडल में शामिल होगा, यह फैसला संबंधित पार्टी का अधिकार है, केंद्र सरकार यह निर्णय एकतरफा तरीके से नहीं ले सकती

विदेश दौरे को लेकर TMC की प्रतिक्रिया

सोमवार को कोलकाता एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत करते हुए अभिषेक बनर्जी ने प्रतिनिधिमंडल को लेकर उठे सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा, “हमें किसी भी प्रतिनिधिमंडल के जाने से कोई समस्या नहीं है। यदि मिशन का उद्देश्य आतंकवाद से देश की रक्षा करना है, तो टीएमसी पूरी मजबूती से केंद्र सरकार के साथ खड़ी है।” लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि कौन सांसद जाएगा, यह फैसला टीएमसी खुद करेगी, किसी भी सूरत में केंद्र यह थोप नहीं सकता।

“हम पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ खड़े हैं”

जब उनसे यह पूछा गया कि क्या TMC ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ बहुदलीय राजनयिक मिशन से अलग होने का विकल्प चुना है, तो उन्होंने इस पर सख्ती से प्रतिक्रिया दी। अभिषेक ने कहा, “पाकिस्तान भारत की शांति में बाधा डालने के लिए आतंकवाद को बढ़ावा देता है, जिसकी हम कड़ी निंदा करते हैं। इसे वैश्विक मंच पर उजागर किया जाना चाहिए।”

उन्होंने स्पष्ट किया कि “हम ऑपरेशन सिंदूर या किसी राष्ट्रीय मुद्दे का बहिष्कार नहीं कर रहे हैं। देश की बात आती है तो राजनीति नहीं होनी चाहिए।”

सांसदों की नामांकन प्रक्रिया पर सवाल

टीएमसी नेता ने सवाल उठाया कि केंद्र सरकार ने किसी भी विपक्षी दल से चर्चा किए बिना प्रतिनिधिमंडल के लिए नाम तय कर दिए। “भाजपा जैसे अपने सांसद तय करती है, वैसे ही अन्य दलों को भी स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने का अधिकार है,” उन्होंने कहा।

🇮🇳 प्रतिनिधिमंडल में कौन शामिल?

केंद्र सरकार ने सात सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडलों के लिए सांसदों के नाम घोषित कर दिए हैं। इसमें टीएमसी के सांसद यूसुफ पठान को भी शामिल किया गया है। ये प्रतिनिधिमंडल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों और अन्य प्रमुख वैश्विक साझेदारों का दौरा करेंगे। इस दौरान भारत की आतंकवाद विरोधी रणनीति, ‘ऑपरेशन सिंदूर’, और सुरक्षा नीतियों की जानकारी साझा की जाएगी।

मन्वय की जरूरत पर ज़ोर

अभिषेक बनर्जी ने कहा कि सरकार को इस प्रकार के महत्वपूर्ण निर्णयों से पहले सभी दलों से समन्वय करना चाहिए था। उन्होंने दोहराया कि टीएमसी का कोई विरोध नहीं है, लेकिन दलों की स्वायत्तता का सम्मान होना चाहिए।

निष्कर्ष:
जहां केंद्र सरकार वैश्विक मंच पर आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति को मुखर रूप से प्रस्तुत करना चाहती है, वहीं विपक्ष इसे राजनीतिक संतुलन और निर्णय की पारदर्शिता से जोड़ कर देख रहा है। टीएमसी का रुख यह संकेत देता है कि राष्ट्रीय मुद्दों पर समर्थन देने के बावजूद, राजनीतिक प्रक्रिया और दलों की स्वतंत्रता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह मामला आगे चलकर और व्यापक राजनीतिक बहस का कारण बन सकता है।

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