कौन है गगन यादव? जिसके कहने पर इटावा के गांव में उमड़ी भीड़ ने मचाया उत्पात? जानें क्या है पूरा मामला?

इटावा में गुरुवार 26 जून को दंदरपुर गांव में जमकर बवाल हुआ। दंदरपुर वही गांव है जहां मुकुट मणि यादव और संत सिंह यादव नाम के कथावाचकों के साथ बदसलूकी की गई थी। कहानी में ट्विस्ट तब आया जब दोनों कथावाचकों पर पुलिस ने छेड़छाड़ का केस दर्ज कर लिया। गगन यादव नाम के शख्स के कहने पर भीड़ दंदरपुर गांव की तरफ बढ़ी। पुलिस ने भीड़ को बाहर ही रोकने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस और भीड़ के बीच कहासुनी हो गई। भीड़ में मौजूद उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया। बचाव में पुलिस ने हवाई फायरिंग की। बवाल का वीडियो भी सामने आया है। इस बीच लोग जानना चाहते हैं कि आखिर गगन यादव कौन है, जिसके कहने पर भीड़ दंदरपुर गांव पहुंची थी। आइए आपको बताते हैं खबरों में छाए गगन यादव की कहानी?
कौन हैं गगन यादव?
गगन यादव इंडियन रिफॉर्मर्स नाम के संगठन के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। यह वही संगठन है जो भारतीय सेना में अहीर रेजिमेंट की मांग करता है। गगन यादव ने अपने फेसबुक बायो में लिखा है कि वह एक युवा नेता हैं, जिनकी विचारधारा समाजवादी है। लेकिन आपको यह भी बता दें कि गगन यादव समाजवादी पार्टी से जुड़े नहीं हैं।
गगन यादव को पुलिस ने हिरासत में लिया है
आपको बता दें कि इसी विवाद के चलते पुलिस ने गगन यादव को आगरा में हिरासत में लिया है। दरअसल, गगन यादव ने आज इटावा के दंदरपुर गांव जाने की बात कही थी। इसी के चलते सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर गगन को हिरासत में लिया गया। आगरा में यूपी तक से बात करते हुए गगन यादव ने कहा, "यह जो घटना हुई है, वह बहुत निंदनीय है। इसके बाद मैंने तय किया कि मैं इटावा जाऊंगा। मुझे वहां दो समुदायों के बीच चल रहे विवाद को खत्म करने के लिए जाना था। इसलिए हम सभी ने तय किया कि हम 26 तारीख को वहां पहुंचेंगे। हमने यह सूचना दे दी थी। हालांकि, हजारों लोग वहां पहुंच चुके हैं और वे सभी हमारा इंतजार कर रहे हैं।"
गगन ने कहा, "हमने 11 बजे तक वहां पहुंचने का समय दिया था। लेकिन रात करीब दो बजे जैसे ही हम दिल्ली से आगरा पहुंचे, पूरा प्रशासन मेरे घर पर आ गया और मुझे रोकने की कोशिश की। प्रशासन के लोगों ने कहा कि आप इटावा मत जाइए, वहां हाई अलर्ट है। इससे वहां और हिंसा भड़क सकती है। साथ ही प्रशासन के लोगों ने बताया कि उनके पास गगन यादव को आने से रोकने के आदेश हैं।" उन्होंने आगे कहा, "प्रशासन के लोगों ने 4 घंटे तक इंतजार किया और हमसे बात की। इसके बाद उन्होंने विकल्प दिया कि अगर आप चाहें तो यहां एसएसपी और डीआईजी से मिल सकते हैं। हमने कहा कि अगर ऐसा होता है तो हमें मंजूर है।"
गगन यादव ने कहा कि 'हम शांति चाहते हैं और इसी उद्देश्य से घर से निकले हैं। हम सिर्फ दो समाजों के बीच टकराव को खत्म करना चाहते हैं। प्रशासन के लोग अभी भी बाहर खड़े हैं। उन्होंने मुझे नजरबंद कर रखा है। उनका कहना है कि जब तक मैं यहां हूं, वे बाहर नहीं जाएंगे। इसलिए हमने फैसला किया है कि हम वापस दिल्ली जाएंगे। प्रशासन के लोगों ने भी हमें आश्वासन दिया है कि जब मामला थोड़ा शांत हो जाएगा तो एसएसपी से आपकी मुलाकात कराएंगे और मामले पर बातचीत का मौका दिया जाएगा।' गगन यादव ने कहा कि 'मैं फौजी का बेटा हूं... मैंने शुरू से वर्दी देखी है और हम इसका सम्मान करते हैं। अब हम फिर से इटावा के कप्तान से मिलने आएंगे।'