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बार का लाइसेंस चाहिए तो क्या-क्या शर्तें, जानें उत्तर प्रदेश और हरियाणा में क्या नियम

किसी भी बार को शराब परोसने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होती है। बार लाइसेंस प्राप्त करने के लिए उत्तर प्रदेश आबकारी (बार लाइसेंस प्रदान करना) नियमावली, 2020 के अंतर्गत आबकारी विभाग में आवेदन करना होता है। शादी या किसी विशेष पार्टी में शराब परोसने के लिए भी लाइसेंस की आवश्यकता होती है। इसके लिए अलग से लाइसेंस की आवश्यकता होती है। लाइसेंस न होने पर जुर्माना और यहां तक ​​कि कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।

यूपी में ई-लॉटरी से मिलेंगे लाइसेंस
उत्तर प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नई आबकारी नीति की घोषणा की गई। नई नीति के अनुसार, भारतीय और विदेशी शराब, बीयर और मारिजुआना बेचने वाली खुदरा दुकानों के लाइसेंस ई-लॉटरी के जरिए जारी किए जाएंगे। कहा गया कि राज्य में कंपोजिट दुकानों को लाइसेंस दिए जाएंगे, जिनमें विदेशी शराब, बीयर और वाइन एक साथ बेची जा सकेगी। साथ ही इन दुकानों में शराब पीने की अनुमति नहीं है।

हरियाणा में क्या नियम हैं?
हरियाणा सरकार ने आबकारी नीति में शराब लाइसेंस के नियमों में बदलाव किया है। जिसमें लाइसेंस फीस 16 लाख रुपये सालाना से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी गई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आबकारी अधिकारियों ने कहा कि जो बार और पब रात 2 बजे तक खुले रहना चाहते हैं, उन्हें 20 लाख रुपये अतिरिक्त देने होंगे। वहीं, अगर पब को शाम 4 बजे तक खुला रखना है तो इसके लिए सालाना 50 लाख रुपये का शुल्क लिया जाएगा।

आवेदन कैसे करें?
आपको बार लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदन करना होगा। जिसे राज्य आबकारी विभाग में जमा किया जाता है। इसके लिए कुछ नियम भी हैं, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि जिस स्थान पर शराब परोसी जाती है, वह आबकारी विभाग के मानकों पर खरा उतरता है या नहीं। इसके बाद सरकार द्वारा निर्धारित सुरक्षा जांच प्रक्रिया पूरी की जाती है। समय सीमा, सुरक्षा और अल्कोहल की मात्रा को भी ध्यान में रखा जाता है। इसके लिए कुछ फीस भी जमा करानी होगी। यदि सब कुछ ठीक रहा तो विभाग लाइसेंस जारी कर देता है। उत्तर प्रदेश और हरियाणा के लिए भी यह प्रक्रिया लगभग एक जैसी है।

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