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उत्तर प्रदेश में ‘बाल श्रम निषेध सप्ताह’ का आगाज़, 12 से 19 जून तक चलेगा विशेष अभियान

उत्तर प्रदेश में ‘बाल श्रम निषेध सप्ताह’ का आगाज़, 12 से 19 जून तक चलेगा विशेष अभियान

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में बाल श्रम के खिलाफ लड़ाई को और मजबूती देने के उद्देश्य से 12 जून से 19 जून तक ‘बाल श्रम निषेध सप्ताह’ मनाने की घोषणा की है। यह विशेष सप्ताह राज्यभर में जन-जागरूकता फैलाने, बाल श्रम को पूरी तरह समाप्त करने और इस सामाजिक बुराई के खिलाफ ठोस कदम उठाने के लिए समर्पित होगा। सप्ताह भर चलने वाले इस अभियान का भव्य समापन 19 जून को राजधानी लखनऊ में होगा।

सरकार का कहना है कि यह अभियान न सिर्फ प्रशासनिक स्तर पर, बल्कि सामाजिक और सामुदायिक स्तर पर भी प्रभाव डालेगा। राज्य के विभिन्न जिलों में रैलियां, नुक्कड़ नाटक, संगोष्ठियां, पेंटिंग प्रतियोगिताएं और जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनके माध्यम से आम जनता को यह संदेश दिया जाएगा कि बच्चों का स्थान स्कूल है, काम की जगह नहीं।

बाल श्रम के खिलाफ जन-जागरूकता की पहल

राज्य श्रम विभाग, बाल कल्याण समितियां, जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से इस सप्ताह के दौरान अभियान चलाया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, ऐसे इलाकों की पहचान की जाएगी जहां बाल श्रम की संभावना अधिक है, और वहां पर सघन निरीक्षण व छापेमारी कर बाल श्रमिकों को मुक्त कराया जाएगा। इसके साथ ही उनके पुनर्वास की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी।

मुख्य बिंदु:

  • अभियान की शुरुआत: 12 जून 2025 से

  • समापन समारोह: 19 जून 2025, लखनऊ

  • उद्देश्य: बाल श्रम के समूल उन्मूलन हेतु जन-जागरूकता और ठोस कार्रवाई

  • सहयोगी संस्थाएं: राज्य श्रम विभाग, शिक्षा विभाग, चाइल्ड लाइन, NGOs, स्थानीय प्रशासन

सरकारी संकल्प और संदेश

उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि बाल श्रम को सामाजिक अपराध मानते हुए इसके खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाल श्रम के खिलाफ कठोर कार्रवाई का संकेत देते हुए कहा है कि "बचपन को बोझ से नहीं, पुस्तकों से जोड़ें। हर बच्चा स्कूल जाए, यही सरकार का संकल्प है।"

बाल श्रमिकों के लिए पुनर्वास योजना

अभियान के दौरान बाल श्रमिकों की पहचान कर उन्हें सरकारी स्कूलों में नामांकित कराने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न पुनर्वास योजनाओं के माध्यम से इन बच्चों और उनके परिवारों को आर्थिक सहायता व कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि उन्हें दोबारा बाल श्रम की ओर न जाना पड़े।

नागरिकों से अपील

सरकार ने आम नागरिकों से अपील की है कि यदि कहीं भी किसी बच्चे को श्रमिक के रूप में काम करते देखें, तो तत्काल श्रम विभाग या चाइल्ड लाइन नंबर 1098 पर सूचना दें। आपकी सतर्कता एक बच्चे का भविष्य संवार सकती है।

इस अभियान के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार यह स्पष्ट संदेश देना चाहती है कि बाल श्रम अब नहीं चलेगा। यह सिर्फ एक सप्ताह का आयोजन नहीं, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन की शुरुआत है जो तब तक जारी रहेगा जब तक हर बच्चा आज़ादी से पढ़-लिखकर अपना भविष्य खुद गढ़ सके।

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