गंगा-रामगंगा नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी, शाहजहांपुर और आसपास के कई गांव बाढ़ की चपेट में
गंगा और रामगंगा नदियों के जलस्तर में मंगलवार को भी लगातार वृद्धि जारी रही है, जिससे शाहजहांपुर जिले समेत आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। शाहजहांपुर के डबरी घाट पर रामगंगा नदी खतरे के निशान से आठ सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गई है, जिससे जलालाबाद के कोला घाट से लेकर अल्हागंज क्षेत्र तक नदी के किनारे बसे दो दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।
स्थानीय प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार, कई गांवों में बाढ़ का पानी घरों की चौखट तक पहुंच गया है, जिससे निवासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। घरों, खेतों और सड़कों पर जलभराव के कारण लोग अपने दैनिक कार्यों में बाधित हो रहे हैं।
वहीं, कलान के भैंसार बांध पर गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से मात्र दो सेंटीमीटर नीचे है। इस वजह से गंगा के किनारे बसे कलान और मिर्जापुर क्षेत्र के करीब एक दर्जन गांव टापू बन गए हैं, जहां आवागमन लगभग बंद हो गया है। बाढ़ के कारण गांवों के बीच संपर्क टूट गया है, जिससे राहत और बचाव कार्यों में भी चुनौतियां सामने आ रही हैं।
प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी है और आवश्यक बचाव एवं राहत कार्य जारी हैं। स्थानीय पुलिस और बचाव दल प्रभावित इलाकों में मदद पहुंचाने के लिए तैनात किए गए हैं। साथ ही, लोगों को नदी के किनारे सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।
मौसम विभाग ने भी आगामी दिनों में और बारिश की संभावना जताई है, जिससे नदी का जलस्तर और बढ़ने का खतरा बना हुआ है। इसलिए प्रशासन और लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों को स्वच्छ पानी, भोजन और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन विशेष प्रयास कर रहा है। साथ ही, क्षेत्रवासियों से भी अपील की गई है कि वे बचाव कार्यों में प्रशासन का सहयोग करें और अफवाहों पर ध्यान न दें।
जलप्रलय के इस संकट से निपटने के लिए प्रशासन और स्थानीय जनता मिलकर काम कर रहे हैं ताकि नुकसान को कम किया जा सके और प्रभावित लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

