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वाराणसी में गंगा किनारे कोडिन कफ सिरप का गोदाम, मिलीं 30000 शीशियां, चार्जिंग सेंटर की आड़ में करोड़ों का खेल

वाराणसी में गंगा किनारे कोडिन कफ सिरप का गोदाम, मिलीं 30000 शीशियां, चार्जिंग सेंटर की आड़ में करोड़ों का खेल

वाराणसी के रामनगर थाना इलाके के शुजाबाद इलाके में एक छोटा सा खेल का मैदान था जहाँ बच्चे खेल रहे थे। इस खेल के मैदान के बगल में एक टोटो (ई-रिक्शा) चार्जिंग स्टेशन था। टोटो ड्राइवर यहाँ अपनी गाड़ियाँ चार्ज करने आते थे। यह चार्जिंग स्टेशन गंगा से सिर्फ़ 200 मीटर की दूरी पर था। मंगलवार शाम करीब 5:45 बजे DCP क्राइम टी. सरवनन अपनी पूरी टीम के साथ उस जगह पर पहुँचे और इलाके को घेर लिया।

जब पुलिस उस जगह के अंदर घुसी तो उन्हें एक बंद गोदाम मिला। जब ताला तोड़ा गया तो अंदर 175 कार्टन बड़े करीने से ढके हुए थे। इन 175 कार्टन के अंदर पुलिस को कोडीन वाली कफ सिरप की 30,000 बोतलें मिलीं, जिनकी कीमत करीब 60 लाख रुपये बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि यह जगह और गोदाम कोडीन-कफ सिरप सिंडिकेट के मास्टरमाइंड मनोज यादव का है।

वाराणसी SIT चीफ टी. सरवनन ने TV9 डिजिटल को बताया कि टेक्निकल सर्विलांस के ज़रिए मनोज यादव की लोकेशन ट्रैक करने की कोशिश की जा रही है। फिलहाल इस मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया गया है। टी. सरवनन ने यह भी बताया कि कफ सिरप मामले में रोहनिया से गिरफ्तार किए गए आजाद जायसवाल की एक वैन भी परिसर में मिली है।

यह पूरा सिंडिकेट शुभम जायसवाल का है। हम जांच कर रहे हैं कि पुलिस से बचने के लिए अभी भी कितने कफ सिरप के गोदाम चल रहे हैं। शुजाबाद वार्ड नंबर 48 के पार्षद प्रतिनिधि श्रीप्रकाश पटेल ने TV9 डिजिटल को बताया कि मनोज यादव यहां का नहीं है। वह बाहर का है और दो साल से यहां सक्रिय है।

शुजाबाद के लोगों से उसका कोई संपर्क नहीं है। वह कभी हार्डवेयर की दुकान चलाता था तो कभी बजरी और बालू का कारोबार करता था। वह पिछले छह महीने से टोटो चार्जिंग सेंटर चला रहा है। अभी एक दिन पहले ही वाराणसी SIT ने कोडीन कफ सिरप मामले में शुभम जायसवाल के दो साथियों विकास जायसवाल और बादल आर्य को गिरफ्तार किया था। वे फर्जी कंपनी बनाकर कोडीन कफ सिरप की तस्करी कर रहे थे।

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