Samachar Nama
×

उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला: प्राइमरी स्कूलों में दो महीने में शिफ्ट होंगे आंगनबाड़ी केंद्र

उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला: प्राइमरी स्कूलों में दो महीने में शिफ्ट होंगे आंगनबाड़ी केंद्र

उत्तर प्रदेश में शिक्षा और बाल विकास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक निर्णय लिया गया है। राज्य सरकार ने आदेश जारी करते हुए साफ किया है कि पेयरिंग प्रक्रिया के तहत खाली हुए प्राइमरी स्कूलों में दो महीने के भीतर आंगनबाड़ी केंद्रों को शिफ्ट कर दिया जाएगा। इसके लिए न केवल स्पष्ट दिशा-निर्देश, बल्कि समयबद्ध कार्यक्रम (टाइमटेबल) भी जारी कर दिया गया है।

क्या है पेयरिंग प्रक्रिया?

शिक्षा विभाग द्वारा लागू की गई पेयरिंग प्रक्रिया के तहत, छोटी संख्या वाले या एकल विद्यालयों को समीपवर्ती स्कूलों के साथ जोड़ा गया है। इससे कई स्कूल भवन खाली हो गए हैं। अब इन भवनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने निर्णय लिया है कि इनमें आंगनबाड़ी केंद्रों को स्थानांतरित किया जाएगा, जिससे छोटे बच्चों को बेहतर बुनियादी ढांचा मिल सके।

क्यों जरूरी था यह कदम?

प्रदेश के कई आंगनबाड़ी केंद्र अब भी किराए की इमारतों या अस्थायी ढांचों में संचालित हो रहे हैं, जिससे बच्चों को सुविधाजनक वातावरण नहीं मिल पाता। वहीं, खाली हुए प्राइमरी स्कूलों में सुनियोजित कमरे, शौचालय, बिजली, पानी आदि की बेहतर व्यवस्था होती है, जो कि आंगनबाड़ी सेवाओं के लिए अत्यंत उपयुक्त है।

प्रशासनिक दिशा-निर्देश

राज्य सरकार ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि:

  • प्रत्येक जिले में संबंधित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) और जिला कार्यक्रम अधिकारी (DPO) की संयुक्त निगरानी में यह शिफ्टिंग प्रक्रिया की जाएगी।

  • आंगनबाड़ी केंद्रों की शिफ्टिंग के लिए स्थान चयन, भवन मरम्मत, सुरक्षा मापदंडों की समीक्षा जैसे बिंदुओं को शामिल करते हुए दो महीने का समयबद्ध कार्यक्रम जारी किया गया है।

  • जिन स्कूल भवनों को चिन्हित किया गया है, उनकी सूची ब्लॉक और ग्राम स्तर पर सार्वजनिक रूप से साझा की जाएगी

इससे क्या लाभ होंगे?

  1. आंगनबाड़ी केंद्रों को बेहतर आधारभूत सुविधाएं मिलेंगी जिससे बच्चों की पढ़ाई, पोषण और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा।

  2. सरकारी संसाधनों का समुचित उपयोग सुनिश्चित होगा, जो अब तक खाली भवनों में बेकार हो रहे थे।

  3. महिला कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को काम करने के लिए सुरक्षित और स्थिर वातावरण मिलेगा

  4. ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और पोषण सेवाओं के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जा सकेगा।

आगे की प्रक्रिया

राज्य सरकार के अनुसार, आगामी 15 दिनों के भीतर सभी जिलों से शिफ्टिंग की प्रगति रिपोर्ट मांगी जाएगी। जिन जिलों में विलंब होगा, वहां के अधिकारियों से जवाब तलब किया जाएगा।

यह निर्णय न केवल सरकारी नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, बल्कि यह भी दिखाता है कि राज्य सरकार बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा और पोषण के प्रति संवेदनशील और सक्रिय रवैया अपना रही है।

Share this story

Tags