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UPPSC की सबसे बड़ी परीक्षा आज, RO/ARO प्री-2023 के लिए 2382 केंद्रों पर सख्त निगरानी, पेपर लीक कांड के बाद आयोग अलर्ट

UPPSC की सबसे बड़ी परीक्षा आज, RO/ARO प्री-2023 के लिए 2382 केंद्रों पर सख्त निगरानी, पेपर लीक कांड के बाद आयोग अलर्ट

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा आयोजित समीक्षा अधिकारी (RO)/सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) प्रारंभिक परीक्षा-2023 आज 27 जुलाई को पूरे प्रदेश में आयोजित की जा रही है। आयोग के इतिहास की यह अब तक की सबसे बड़ी परीक्षा मानी जा रही है, जिसमें लाखों परीक्षार्थी हिस्सा ले रहे हैं। परीक्षा को पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराने के लिए राज्य भर में 2382 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं।

इस परीक्षा को लेकर प्रशासन और आयोग की सतर्कता का स्तर बेहद ऊंचा है, क्योंकि इससे पहले 11 फरवरी 2024 को आयोजित हुई यही परीक्षा पेपर लीक कांड की भेंट चढ़ गई थी। पेपर लीक के चलते आयोग को उस समय परीक्षा निरस्त करनी पड़ी थी, जिसके बाद से आयोग की साख पर सवाल उठने लगे थे। अब करीब डेढ़ साल बाद दोबारा यह परीक्षा आयोजित हो रही है, और इस बार निगरानी के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

कड़ी निगरानी और पारदर्शिता के पुख्ता इंतजाम

आयोग ने परीक्षा की सुरक्षा और निगरानी के लिए कई अहम फैसले लिए हैं।

  • प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

  • फ्लाइंग स्क्वॉड टीमों का गठन किया गया है, जो बिना पूर्व सूचना के केंद्रों का निरीक्षण करेंगी।

  • केंद्रों पर मोबाइल जैमर, बायोमेट्रिक उपस्थिति, और डिजिटल लॉकरों जैसी व्यवस्थाएं भी की गई हैं ताकि कोई अनुचित साधन उपयोग न कर सके।

  • पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए गए हैं कि परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को तुरंत नियंत्रित किया जाए।

परीक्षार्थियों के लिए विशेष दिशा-निर्देश

परीक्षा में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों के लिए आयोग ने कुछ कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

  • परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र पर रिपोर्टिंग समय से कम से कम एक घंटा पहले पहुंचना अनिवार्य किया गया है।

  • इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, घड़ियां, पर्स, नोट्स आदि लाने की अनुमति नहीं है।

  • उम्मीदवारों को केवल एडमिट कार्ड और वैध फोटो पहचान पत्र के साथ परीक्षा केंद्र में प्रवेश मिलेगा।

पेपर लीक कांड की छाया

11 फरवरी 2024 को हुई RO/ARO परीक्षा पेपर लीक हो जाने के कारण लाखों छात्रों की मेहनत पर पानी फिर गया था। इस प्रकरण ने यूपीपीएससी की साख पर बट्टा लगाया और आयोग को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार और आयोग दोनों ने परीक्षा प्रणाली को सुधारने के लिए कई तकनीकी और प्रशासनिक बदलाव किए। यही कारण है कि इस बार की परीक्षा को पूरी पारदर्शिता के साथ संपन्न कराने के लिए अभूतपूर्व निगरानी व्यवस्था की गई है।

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