जौनपुर में अनोखी मिसाल! जौनपुर में खुद पति ने कराई अपनी पत्नी के बॉयफ्रेंड के साथ शादी, यहां विस्तार से पढ़े पूरा मामला

जौनपुर के एक दुर्गा मंदिर में मंगलवार की दोपहर एक ऐसी शादी हुई, जिसे देखकर वहां मौजूद हर कोई हैरान रह गया। इस शादी में न बैंड-बाजा था, न बारात, न ही कोई धूम-धाम। इसके बावजूद यह शादी चर्चा का विषय बन गई। दरअसल, यहां एक पति ने अपनी पत्नी और उसके प्रेमी की शादी करा दी और उन्हें आशीर्वाद देकर विदा कर दिया। जानकारी के मुताबिक, जौनपुर के एक गांव के युवक की शादी दो साल पहले खेतासराय थाना क्षेत्र की युवती से हुई थी। शादी पूरे रीति-रिवाज और सामाजिक रस्मों के साथ हुई, लेकिन युवती का दिल कहीं और था। शादी से पहले ही वह यशवंत बिंद नाम के युवक से प्यार करती थी। शादी के बाद वह कुछ समय ससुराल में रही और फिर मायके जाने के बहाने प्रेमी के साथ भाग गई।
पति ने निभाई अपनी जिम्मेदारी
पत्नी के भाग जाने के बाद पति ने सामाजिक अपमान, पारिवारिक दबाव और भावनात्मक ठेस के बावजूद अपना धैर्य नहीं खोया। वह किसी तरह अपनी पत्नी को वापस घर ले आया और फिर यह सोचकर कि शायद हालात सुधर जाएं, उसे अपने साथ नोएडा ले गया, जहां वह काम करता था। लेकिन हालात में भी कोई सुधार नहीं हुआ। पत्नी बार-बार अपने प्रेमी से फोन पर बात करती थी और ससुराल या पति के साथ रहने को लेकर अपनी असहमति जताती थी। एक दिन तो उसने यहां तक कह दिया कि अगर उसे जबरन रोका गया तो वह कुछ भी कर सकती है। ऐसे में पति ने बड़ा फैसला लिया। जिसे जानकर कोई भी चौंक जाएगा। उसने इस रिश्ते को जबरन खींचने की बजाय इसे सम्मानजनक रूप देने का फैसला किया।
पति ने पत्नी से मंदिर में प्रेमी से शादी करा दी
पति ने पत्नी से बात की और फिर उसे जौनपुर ले आया। उसने पत्नी के प्रेमी यशवंत बिंद को भी दुर्गा मंदिर बुलाया। वहां तीनों ने बातचीत की और फिर मंदिर में शादी करा दी। प्रेमी ने पत्नी की मांग में सिंदूर भरा। इस दौरान पति शांत खड़ा रहा और आखिर में दोनों को आशीर्वाद देकर विदा किया। इस पूरी घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें यशवंत अपनी होने वाली पत्नी को सिंदूर लगाता नजर आ रहा है। अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। मीडिया से बात करते हुए पति ने कहा, कि शादी के बाद मुझे लगा कि सब ठीक हो जाएगा। लेकिन जब मुझे समझ आया कि उसका दिल किसी और के पास है तो मैंने वो रास्ता चुना जो सबके लिए अच्छा था. मैं उसे जबरदस्ती रोकना नहीं चाहता था। इसलिए मैंने उसके प्रेमी को मंदिर में बुलाया और उन्हें शादी के बंधन में बांध दिया। अब वे दोनों अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जी सकते हैं. मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।