'शिक्षा बचाओ मोर्चा' के बैनर तले शिक्षकों का सड़कों पर सैलाब, स्कूलों के विलय के खिलाफ निकाली बाइक रैली

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा परिषदीय विद्यालयों के विलय के फैसले के खिलाफ बरेली में शुक्रवार को शिक्षकों का सैलाब सड़कों पर उमड़ पड़ा। 'शिक्षा बचाओ मोर्चा' के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में शिक्षक गांधी उद्यान से बाइक रैली निकालते हुए शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरे और अपनी नाराजगी जताई।
यह विरोध प्रदर्शन सरकार की उस योजना के खिलाफ था, जिसमें 50 से कम नामांकन वाले परिषदीय विद्यालयों को समीपवर्ती स्कूलों में विलय करने का निर्णय लिया गया है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि यह फैसला न सिर्फ शिक्षा के बुनियादी ढांचे को कमजोर करेगा, बल्कि ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के बच्चों की पढ़ाई को भी प्रभावित करेगा।
क्या बोले शिक्षक?
रैली में शामिल शिक्षकों ने कहा कि सरकार का यह कदम विद्यालयों की संख्या घटाने की साजिश है, जिससे शिक्षकों की भूमिकाएं सीमित होंगी और बच्चों को दूरस्थ विद्यालयों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इससे शिक्षा से जुड़ी सुलभता और समावेशिता दोनों पर असर पड़ेगा।
एक शिक्षक ने कहा, “यदि सरकार को वाकई शिक्षा व्यवस्था सुधारनी है, तो वह स्कूलों को बंद करने की बजाय उन्हें संसाधनों से लैस करे, शिक्षकों की संख्या बढ़ाए और बेहतर प्रशिक्षण दे।”
बाइक रैली का संदेश
'शिक्षा बचाओ मोर्चा' की इस बाइक रैली में शिक्षक काले पट्टे और तख्तियों के साथ शामिल हुए, जिन पर लिखा था:
-
"विद्यालय बंद नहीं, शिक्षा का विस्तार चाहिए"
-
"हर गांव में स्कूल, हर बच्चा शिक्षित हो"
-
"विलय नहीं, सुविधा चाहिए"
यह रैली गांधी उद्यान से शुरू होकर कचहरी, सिविल लाइंस, चौपला, डेलापीर होते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पर समाप्त हुई, जहां शिक्षकों ने ज्ञापन सौंपकर सरकार से निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग की।
शिक्षा विभाग में हलचल
शिक्षकों के विरोध के बाद शिक्षा विभाग में भी हलचल देखी जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल योजना के अमल में कोई जल्दबाज़ी नहीं की जाएगी, और सभी पक्षों की राय लेकर ही कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा।