
जेल में बंद अधिवक्ता दीनू उपाध्याय के खिलाफ रविवार को सिसामऊ थाने में एक और एफआईआर दर्ज की गई है। उन पर मकान की बिक्री में कमीशन के नाम पर रंगदारी मांगने का आरोप है। मकान बेचने वाले ने इस मामले में दीनू समेत अधिवक्ता नीरज दुबे समेत 12 लोगों को आरोपी बनाया है।
पी रोड गांधी नगर निवासी अभिषेक मिश्रा के मुताबिक उन्होंने हरबंशमोहाल के अजय गुप्ता और पंकज गुप्ता से पुश्तैनी मकान का सौदा किया था। इसका रजिस्टर्ड एग्रीमेंट करने के बाद 15 अक्टूबर 2024 को वह कोर्ट से बाहर निकले तो उनकी मुलाकात रवि पांडेय से हुई। उन्होंने मकान की बिक्री के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि एग्रीमेंट हो गया है। रवि ने कहा कि वह शाम को घर आ जाएगा। देर शाम वह अतुल अग्निहोत्री, जनार्दन पांडेय और रामचंद्र के साथ घर आ गया। मकान बेचने की बात करते हुए उन्होंने धमकी दी और 10 लाख रुपये कमीशन मांगा। मना करने पर रवि ने उनके साथ अभद्रता की।
उन्होंने उसे धमकाते हुए कहा कि चलो कोर्ट चलते हैं, वहां एडवोकेट नीरज दुबे के समक्ष मामले की चर्चा होगी। वह डर गया। मकान खरीदार अजय गुप्ता की सलाह पर उसने उसे छह लाख रुपये देकर मामला निपटाने का प्रयास किया। काफी समझाने के बाद वह राजी हुआ। उसे दो लाख रुपये मौके पर ही दे दिए गए, जबकि 21 अक्तूबर को उसे अपने घर बुलाकर चार लाख रुपये दिए। आरोपी उसे जबरन कोर्ट ले गए और नीरज दुबे के चैंबर में लिखापढ़ी शुरू कर दी। रवि पांडेय ने दबाव बनाने के लिए एडवोकेट दीनू उपाध्याय को बुलाया। दीनू की धमकी पर अजय गुप्ता को रवि से 10 रुपये के स्टांप पर लिखकर छह लाख रुपये कमीशन देने को कहा। इस समझौते में नीरज दुबे गवाह के तौर पर पेश हुआ। दबाव बनाने के लिए आरोपियों ने रामचंद्र नाम के व्यक्ति का इस्तेमाल कर उन्हें एससी/एसटी एक्ट के झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी। बदले में दस लाख रुपये मांगे। डीसीपी सेंट्रल श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।