कान्हा उपवन गोशाला में गर्मी से दो गोवंशों की मौत, पांच की हालत नाजुक – भाजपा नेताओं ने किया हंगामा
राजधानी लखनऊ स्थित कान्हा उपवन गोशाला में शुक्रवार को उमस भरी गर्मी जानलेवा साबित हुई। अत्यधिक तापमान और लू जैसी स्थिति के चलते दो गोवंशों की हार्टअटैक से मौत हो गई, जबकि पांच अन्य की हालत गंभीर हो गई है। बीमार गोवंशों को तत्काल निगम की ओर से सूरजकुंड स्थित ट्रॉमा सेंटर में भेजा गया, जहां उनका इलाज जारी है।
गर्मी बनी जानलेवा, गोशाला में मचा हड़कंप
कान्हा उपवन में गोवंशों की देखभाल की जिम्मेदारी नगर निगम के पास है। शुक्रवार को जैसे ही दो गोवंशों के हार्टअटैक से मरने और अन्य की हालत बिगड़ने की जानकारी सामने आई, गोशाला में अफरा-तफरी मच गई। कर्मचारियों ने बीमार पशुओं को पानी पिलाने और प्राथमिक उपचार देने का प्रयास किया, लेकिन हालात बिगड़ते देख निगम की पशुचिकित्सा टीम को बुलाया गया। टीम ने गंभीर हालत में पांच गोवंशों को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया।
भाजपा नेता विनीत शारदा पहुंचे गोशाला, जताया विरोध
इस घटना की जानकारी मिलते ही भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक विनीत अग्रवाल शारदा अपने समर्थकों के साथ कान्हा उपवन पहुंचे। गोशाला की बदहाल व्यवस्था और लापरवाही को लेकर उन्होंने नगर निगम प्रशासन पर जमकर निशाना साधा। शारदा ने कहा कि भीषण गर्मी में गोवंशों को छांव, पानी और पर्याप्त देखभाल उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। यह सीधी-सीधी प्रशासनिक लापरवाही है।
हंगामे के बाद निगम अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग
भाजपा नेताओं ने मौके पर हंगामा करते हुए दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि हर साल गर्मियों में गोशालाओं में इस तरह की घटनाएं होती हैं, लेकिन नगर निगम कोई ठोस इंतजाम नहीं करता। इस बार भी गर्मी शुरू होने के बाद से ही पर्याप्त छायादार स्थान, पानी की टंकियां और कूलिंग सिस्टम की व्यवस्था नहीं की गई थी।
निगम ने दिए जांच के आदेश
विवाद बढ़ता देख नगर निगम प्रशासन हरकत में आया है। नगर आयुक्त ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं और गोशाला प्रभारी से रिपोर्ट तलब की गई है। अधिकारियों का कहना है कि सभी बीमार गोवंशों का बेहतर इलाज कराया जा रहा है और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए विशेष योजना बनाई जा रही है।
पशु प्रेमियों और संगठनों में आक्रोश
इस घटना को लेकर पशु प्रेमी संगठनों और समाजसेवियों में भी नाराजगी है। उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम में गोशालाओं को विशेष रूप से संवेदनशील जोन घोषित कर वहां अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराए जाने चाहिए।

