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तेलीबाग में परेशानियों का अंबार... सड़कें टूटी, नालियां चोक, बदहाली में 50 हजार की आबादी

तेलीबाग में परेशानियों का अंबार... सड़कें टूटी, नालियां चोक, बदहाली में 50 हजार की आबादी

शहर का तेलीबाग इलाका जो पहले एलडीए और आवास विकास सीमा में शामिल था, पांच साल से नगर निगम का भी हिस्सा है, लेकिन यहां सड़क, पानी, सीवरेज और जलनिकासी जैसी बुनियादी सुविधाएं अभी भी उपलब्ध नहीं हैं। टूटी सड़कें, जाम सीवर और सड़कों पर बहता गंदा पानी जगतपाल खेड़ा, एकता नगर और कल्ली पश्चिम की पहचान बन चुका है। बिजली के खंभे तो लग गए हैं, लेकिन स्ट्रीट लाइटें नहीं हैं। इन इलाकों की मुख्य सड़कें भी खस्ताहाल हैं। यहां के लोग समस्याओं के समाधान के लिए कई बार सरकारी दफ्तरों और नेताओं से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन हालात नहीं बदल रहे हैं। जिससे यहां के करीब 50 हजार लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गुरुवार को अमर उजाला की टीम ने यहां पहुंचकर निरीक्षण किया। एकता नगर निवासी समाजसेवी मुकेश रावत का कहना है कि एकता नगर को रायबरेली रोड से जोड़ने वाली सिंगल लेन सड़क है, जबकि ट्रैफिक काफी रहता है। एसजीपीजीआई की बाउंड्रीवाल से अंदर आने वाली सड़क कई जगह से टूट चुकी है। रायबरेली रोड से एकता नगर सभा खेड़ा होते हुए जो सड़क आती है, उसमें 50 मीटर से ज्यादा सड़क पर सीवर का पानी इस हद तक भरा है कि तालाब जैसा नजारा दिखता है। यहां के निवासी लालजी यादव का कहना है कि बिजली के खंभे तो लग गए हैं, लेकिन स्ट्रीट लाइट नहीं है, शाम होते ही पूरी कॉलोनी में अंधेरा छा जाता है। कुछ लोगों ने खुद ही व्यवस्था करके अपने घरों के बाहर लाइट लगवा ली है, लाइट न होने की वजह से अपराधियों के हौसले बुलंद रहते हैं और आए दिन वारदातें होती रहती हैं।

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कल्ली में पानी इस तरह भर रहा है कि घर से निकलना मुश्किल हो रहा है

सूरज ने बताया कि कल्ली से माती जाने वाली मुख्य कल्ली सड़क अभी आधी ही बनी है। कुछ समय पहले सड़कें बंद कर दी गई थीं, जो लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई हैं। अब सड़क पर चलना भी मुश्किल हो गया है। विमल कुमार ने बताया कि बारिश होते ही पानी भर जाता है, जिससे घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है।

हम शहर में रहते हैं, लेकिन स्थिति गांव से भी बदतर है

जगत खेड़ा निवासी विपिन यादव ने बताया कि जगत खेड़ा की मुख्य सड़क जो आवास विकास कॉलोनी से मिलती है, बन गई है, लेकिन उसके अलावा जगत खेड़ा के अंदरूनी हिस्सों में जाने वाली सभी सड़कें कच्ची सड़कें हैं, जिन पर कई जगह गड्ढे हैं। इनमें अक्सर पानी भर जाता है। जिससे आए दिन लोग दुर्घटना का शिकार होते हैं। सुरेंद्र यादव ने बताया कि वह शहर में रहते हैं, लेकिन स्थिति गांव से भी बदतर है।

लोगों ने कहा

एकता नगर के शंकर सोनी ने बताया कि नाला बनाने का प्रस्ताव पास हो चुका है, लेकिन अभी तक नहीं बना है। सड़क के बगल में बना नाला टूट गया है। इससे सड़कों पर पानी भरा रहता है। एक महीने से सड़क पर इसी तरह पानी भरा हुआ है।

एकता नगर की प्रियंका वर्मा ने बताया कि हल्की बारिश में 15 से 20 मिनट में ही सड़क पर पानी भर जाता है। कुछ दिन पहले एक युवक अधिक पानी के कारण नाले में गिर गया था। वह घायल भी हुआ था। यहां आए दिन ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। एकता नगर की सोनाली कुमारी ने बताया कि सड़क पर जलभराव के कारण स्कूल जाने वाले बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। नालियां जाम होने से पानी सड़क पर आ जाता है। जिससे सड़क क्षतिग्रस्त हो जाती है। हर बार बारिश होने पर सड़क पर पानी भरा रहता है। कल्ली पश्चिम के सूरज ने बताया कि दो साल से सड़क खराब है। इसके लिए मंडी परिषद से बात की गई, लेकिन अभी तक सड़क नहीं बनी। उन्होंने बताया कि सड़क के लिए पैसा आता है, लेकिन काम नहीं होता। कल्ली पश्चिम के विनय कुमार के अनुसार पीडब्ल्यूडी और मंडी परिषद के आपसी विवाद के कारण सड़क का निर्माण रुका हुआ है। नालियां और सफाई न होने से सड़कों पर पानी भर जाता है। जगत खेड़ा के विपिन यादव का कहना है कि न तो नालियां बनी हैं और न ही सड़क बनी है। नालियों के अभाव में घरों का पानी सड़कों पर फैल जाता है। गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है। सुरेन्द्र यादव ने शिकायत की कि सफाई कर्मचारी नहीं आते हैं। इस कारण पूरे इलाके में गंदगी रहती है। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

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