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त्रिवटीनाथ शुगर्स एंड केमिकल्स चीनी मिल पहले पेराई सत्र में ही फेल, गन्ना क्षेत्र अन्य मिलों को आवंटित

त्रिवटीनाथ शुगर्स एंड केमिकल्स चीनी मिल पहले पेराई सत्र में ही फेल, गन्ना क्षेत्र अन्य मिलों को आवंटित

बरेली के बहादुरगंज क्षेत्र में स्थित त्रिवटीनाथ शुगर्स एंड केमिकल्स (चीनी मिल) इस वर्ष के पहले पेराई सत्र में ही कामयाब नहीं हो पाई है। प्रबंधक तंत्र ने तकनीकी खराबी को इसका मुख्य कारण बताया है। इस वजह से चीनी मिल अपनी उत्पादन क्षमता पर खरा नहीं उतर सकी और किसानों को गन्ना संबंधी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

उपायुक्त और संबंधित अधिकारियों ने शीघ्र कदम उठाते हुए इस मिल को आवंटित गन्ना क्षेत्र को अन्य चार चीनी मिलों में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है। इस फैसले के तहत अब त्रिवटीनाथ मिल के पहले आवंटित किए गए किसानों का गन्ना अन्य मिलों में पेराई के लिए जाएगा।

जिला गन्ना अधिकारी ने बताया कि मिल क्षेत्र और वार सेंटरों का पुनर्निर्धारण कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार तक किसानों को नई पर्चियां जारी कर दी जाएंगी, जिससे उन्हें यह स्पष्ट हो सके कि उनका गन्ना अब किस मिल में पेराई के लिए जाएगा। अधिकारी ने किसानों से अपील की है कि वे नए आवंटन और निर्देशों के अनुसार ही अपने गन्ने की पेराई के लिए पहुंचें।

प्रबंध तंत्र ने तकनीकी खराबी का हवाला देते हुए कहा कि मिल में मशीनरी और अन्य उत्पादन उपकरणों में समस्या आने के कारण पेराई सत्र में निरंतर उत्पादन संभव नहीं हो पाया। मिल अधिकारियों ने बताया कि तकनीकी सुधार और आवश्यक मरम्मत के बाद ही मिल अगले सत्र में पूरी क्षमता के साथ काम कर सकेगी।

किसानों के लिए यह बदलाव महत्वपूर्ण है क्योंकि गन्ना का समय पर पेराई न होने पर फसल की गुणवत्ता और भुगतान पर असर पड़ सकता है। अधिकारियों ने बताया कि अन्य चार मिलों में गन्ना पेराई के लिए पर्याप्त क्षमता मौजूद है और किसानों को उनके फसल का उचित मूल्य समय पर दिया जाएगा।

स्थानीय किसानों ने भी प्रशासन के इस कदम का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मिल की तकनीकी खराबी के कारण परेशानियों को देखते हुए अन्य मिलों में गन्ना पेराई का निर्णय सही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि नए आवंटन और वार सेंटर निर्धारण से उनकी फसल समय पर पेराई होगी और उन्हें भुगतान में कोई देरी नहीं होगी।

जिला गन्ना अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रशासन लगातार चीनी मिलों की निगरानी कर रहा है और किसी भी तकनीकी या प्रबंधकीय समस्या को तुरंत हल करने का प्रयास किया जा रहा है। उनका कहना है कि किसानों को पेराई में परेशानी न हो और फसल का उचित मूल्य मिल सके, यह प्राथमिकता बनी हुई है।

इस तरह की व्यवस्था से बरेली क्षेत्र में गन्ना उत्पादन और पेराई के कामकाज को सुचारू बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। अधिकारियों का मानना है कि तकनीकी खराबियों के बावजूद उचित नियोजन और प्रबंधकीय हस्तक्षेप से किसानों के हितों की रक्षा की जा सकती है।

बृहस्पतिवार तक नई पर्चियों के वितरण के बाद किसानों को स्पष्ट जानकारी मिल जाएगी कि उनका गन्ना किस चीनी मिल में पेराई के लिए जाएगा, जिससे फसल की कटाई और भुगतान प्रक्रिया में किसी भी तरह की समस्या नहीं आएगी।

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