शहर की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए ट्रैफिक पुलिस द्वारा शुरू की गई ई-रिक्शा जांच मुहिम अब विरोध की भेंट चढ़ती नजर आ रही है। बिना क्यूआर कोड और अवैध रूप से चल रहे ई-रिक्शों के खिलाफ कार्रवाई से नाराज़ चालक सोमवार को हड़ताल पर उतर आए। उन्होंने शहर के कई इलाकों में प्रदर्शन और हंगामा किया।
🔸 पुलिस की पहल बनी विवाद का कारण:
ट्रैफिक पुलिस ने हाल ही में शहर में यातायात को सुगम बनाने के उद्देश्य से बिना क्यूआर कोड वाले ई-रिक्शों को सीज करना शुरू किया। इसके बाद ई-रिक्शा चालकों में नाराजगी फैल गई।
ई-रिक्शा एसोसिएशन ने हड़ताल का समर्थन करते हुए शहरभर में संचालन बंद करने का ऐलान किया। इस वजह से सैकड़ों की संख्या में यात्री खासकर छात्र, बुजुर्ग और महिला यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
🔸 प्रदर्शन और हंगामा:
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कई प्रमुख चौराहों और बाजारों में चालकों ने नारेबाजी की
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कुछ जगहों पर आवागमन बाधित करने की कोशिश की गई
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प्रशासन ने हालात को देखते हुए पुलिस बल तैनात किया
🔸 ट्रैफिक पुलिस का रुख:
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अवैध और नियमों के विपरीत संचालित वाहनों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। क्यूआर कोड और रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता यात्री सुरक्षा और ट्रैफिक अनुशासन के लिए आवश्यक है।
🔸 ई-रिक्शा यूनियन की मांग:
चालकों और यूनियन पदाधिकारियों का कहना है कि
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उन्हें क्यूआर कोड और रजिस्ट्रेशन के लिए पर्याप्त समय और सुविधा नहीं दी गई
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कार्रवाई अचानक और बिना चेतावनी के की गई, जिससे हजारों परिवारों की रोजी-रोटी खतरे में पड़ गई है
यूनियन ने जल्द ही प्रशासन से वार्ता कर समाधान निकालने की मांग की है, नहीं तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।

