जो खुद VVIP स्नान करके गए हैं, वो बात कर रहे हैं... अखिलेश यादव के आरोपों पर बोले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में वर्ष 2025 में 14 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित महाकुंभ मेले के दौरान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ में हुई मौतों को लेकर विवाद जारी है। सरकार ने इस घटना में 37 मौतों की पुष्टि की थी, जबकि बीबीसी हिंदी की एक रिपोर्ट में मौतों की संख्या 82 बताई गई है। इस रिपोर्ट पर उत्तर प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने वाराणसी में प्रेस वार्ता के दौरान प्रतिक्रिया दी।
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मीडिया द्वारा समाचार चलाने पर सरकार उसका जवाब देगी, लेकिन बिना पुष्टि के दावों को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि महाकुंभ एक अत्यंत पवित्र और भव्य आयोजन था जिसमें लगभग 66 करोड़ श्रद्धालु शामिल हुए। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति गहरा दुख जताया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस दुःखद घटना पर संवेदना व्यक्त की है। सरकार ने प्रभावित परिवारों की सहायता भी सुनिश्चित की है और यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि सभी श्रद्धालु सुरक्षित रूप से वापस जाएं।
वहीं, बीबीसी हिंदी की रिपोर्ट के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार से आठ सवाल पूछते हुए मामले की गहन जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट महाकुंभ में हुई मौतों और उनसे जुड़े पैसों के सत्य की खोज की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि सत्य जब सामने आता है तो छुपे हुए झूठ की परतें खुलती हैं और कोई सूचना प्रबंधन इसे रोक नहीं सकता।
इस विवाद के बीच, महाकुंभ मेले में हुई भगदड़ की घटना और उससे जुड़े आंकड़ों को लेकर व्यापक राजनीतिक और सामाजिक बहस जारी है। मृतकों की संख्या को लेकर मतभेद ने इस घटना की गंभीरता और सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार का कहना है कि वह हर पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है और आवश्यक मदद प्रदान कर रही है, जबकि विपक्ष इस मामले में पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग कर रहा है।
महाकुंभ मेला, जो कि विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है, में इस तरह की दुर्घटना ने आयोजन की सुरक्षा प्रबंधन और भविष्य में ऐसे आयोजनों की बेहतर तैयारी की आवश्यकता को उजागर किया है।