इस बार भक्तों पर बरसेगा शुभ योगों का आशीर्वाद, 72 साल बाद बदल रही शनि-बुध की चाल

सावन माह का आगमन इस वर्ष शुभ योगों की भरमार के साथ होने जा रहा है। पवित्र सावन मास में इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत योग जैसे उत्तम फलदायी संयोग बन रहे हैं, जिससे भक्तों पर शुभता और समृद्धि की वर्षा होने की संभावना है। इस बार के चारों सावन सोमवार विशेष रहेंगे क्योंकि इन पर कुल सात महत्वपूर्ण योग बनेंगे जो भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत फलदायक माने जा रहे हैं।
चार सोमवार, सात शुभ योग
सावन के चारों सोमवार पर बनने वाले ये सात योग भक्तों के लिए विशेष फलदायी होंगे। इनमें प्रमुख रूप से सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत योग, रवि योग, शशि योग, सिद्धि योग, शुभ योग और धृति योग का समावेश होगा। यह सभी योग न केवल धार्मिक अनुष्ठान, बल्कि मंत्र-साधना, रुद्राभिषेक और व्रत-पूजन के लिए अत्यंत अनुकूल माने जा रहे हैं।
पंडितों के अनुसार, सावन में इस बार जो योग बन रहे हैं, वे दुर्लभ और वर्षों बाद आने वाले संयोग हैं। इन योगों में भगवान शिव की आराधना करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है और भक्तों की मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं।
72 साल बाद शनि-बुध की चाल में बदलाव
इस सावन का सबसे खास ज्योतिषीय संयोग यह है कि 72 साल बाद दो प्रमुख ग्रह—शनि और बुध—अपनी चाल बदलेंगे। शनि अपनी वक्री स्थिति से मार्गी होंगे, जबकि बुध ग्रह राशि परिवर्तन करते हुए विशेष प्रभाव डालेंगे। शनि का यह परिवर्तन कर्म, न्याय और जिम्मेदारी से जुड़े मामलों को प्रभावित करेगा, वहीं बुध का परिवर्तन बुद्धि, संचार और व्यापार से संबंधित क्षेत्रों में हलचल लाएगा।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, शनि और बुध की यह चाल सकारात्मक बदलावों का संकेत देती है, विशेषकर उन लोगों के लिए जो नवीन कार्यों की शुरुआत, नौकरी में बदलाव, या धन निवेश की योजना बना रहे हैं।
शिवभक्तों के लिए सुनहरा अवसर
सावन मास भगवान शिव का प्रिय माह है और इस दौरान सोमवार व्रत, रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय जाप आदि धार्मिक क्रियाओं का विशेष महत्व होता है। इस बार के शुभ योगों के प्रभाव से श्रद्धालुओं को अधिक पुण्य लाभ और ईश्वर कृपा प्राप्त होगी।
विशेषज्ञों की मानें तो यदि भक्त इस बार सावन में व्रत, पूजा और साधना विधिपूर्वक करें, तो उन्हें आध्यात्मिक शांति, स्वास्थ्य लाभ और आर्थिक समृद्धि तीनों ही स्तरों पर सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं।