
उत्तर प्रदेश सरकार मुफ्त राशन योजना के लाभार्थियों से सीधे संवाद करेगी। इसके लिए खाद्य विभाग एक सॉफ्टवेयर विकसित कर रहा है। इसमें लाभार्थियों से पांच सवाल पूछे जाएंगे। जवाबों के आधार पर आगे की रणनीति बनाई जाएगी। यूपी में 15 करोड़ 23 लाख लोगों को मुफ्त राशन देने का प्रावधान है। यह योजना 64.43 फीसदी शहरी और 79.53 फीसदी ग्रामीण आबादी को कवर कर रही है। सरकार हर महीने फीडबैक लेगी कि लाभार्थी योजना के तहत मुफ्त खाद्यान्न वितरण से संतुष्ट हैं या नहीं। लाभार्थियों से फोन पर पूछा जाएगा कि उन्हें पूरा राशन मिल रहा है या नहीं। राशन डीलर का व्यवहार कैसा है। कोई और असुविधा तो नहीं है? खाद्यान्न वितरण में उन्हें कोई दिक्कत तो नहीं दिख रही है? हर राशन डीलर के क्षेत्र के कुछ लाभार्थियों से हर महीने फीडबैक लिया जाएगा। ये लाभार्थी कौन होंगे, सॉफ्टवेयर का एआई मॉड्यूल खुद तय करेगा। कॉल भी कोई इंसान नहीं बल्कि सॉफ्टवेयर ही करेगा। खाद्य आयुक्त रणवीर प्रसाद का कहना है कि व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए हम अहम कदम उठा रहे हैं। फीडबैक लेना भी इस योजना का हिस्सा है। जो भी शिकायतें मिलेंगी, उनका समयबद्ध तरीके से समाधान किया जाएगा।