मध्यप्रदेश बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर घमासान, आदिवासी वर्ग को लेकर चर्चा तेज

मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन को लेकर अब सरगर्मी तेज हो गई है। पार्टी हाईकमान द्वारा मंजूरी मिलने के बाद, प्रदेश अध्यक्ष पद के दावेदारों ने अपनी उम्मीदवारी को मजबूत करने के लिए अंतिम दौर की जोड़-तोड़ शुरू कर दी है।
🏆 दावेदारों की बढ़ती संख्या और रणनीतियां
प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए अब तक कई नाम सामने आ चुके हैं, जिनमें बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल सबसे आगे माने जा रहे हैं। खंडेलवाल की राजनीतिक पकड़ और संगठनात्मक क्षमता को देखते हुए उन्हें पार्टी के भीतर एक मजबूत दावेदार माना जा रहा है। हालांकि, इस बार बीजेपी आदिवासी वर्ग से प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करने की संभावना पर भी विचार कर सकती है, जिससे पार्टी "ट्राइबल कार्ड" का खेल खेलने की तैयारी में है।
🛠️ आदिवासी कार्ड: केंद्रीय मंत्री और पूर्व मंत्री के नाम चर्चा में
यदि बीजेपी आदिवासी वर्ग से अध्यक्ष चुनती है, तो केंद्रीय मंत्री दुर्गादास उईके, खरगोन सांसद गजेंद्र पटेल, और पूर्व मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते जैसे नाम चर्चा में हैं। इन नेताओं की आदिवासी समुदाय में मजबूत छवि और स्थानीय नेतृत्व पार्टी के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
🗳️ नामांकन प्रक्रिया 1 जुलाई को
प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन प्रक्रिया 1 जुलाई को होगी, जब केंद्रीय चुनाव अधिकारी धर्मेंद्र प्रधान भोपाल पहुंचेंगे। इस दिन पार्टी के भीतर हो रही राजनीतिक हलचल और अंतर्द्वंद्व के बाद स्पष्ट होगा कि आखिरकार बीजेपी का अगला अध्यक्ष कौन होगा।
🤔 अप्रत्याशित निर्णय भी संभव
इसके अलावा, कुछ राजनैतिक विशेषज्ञों का कहना है कि पार्टी हाईकमान अप्रत्याशित निर्णय भी ले सकता है और एक ऐसे नेता को अध्यक्ष बना सकता है, जो सबकी उम्मीदों से अलग हो। इस बार के अध्यक्ष चयन में कोई भी चौंकाने वाली स्थिति सामने आ सकती है, जिससे प्रदेश की राजनीति में नई हलचल देखने को मिल सकती है।